Abrarnagar News: लखनऊ के अबरारनगर में लोगों को अवैध मकानों के निर्माण पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा चुकी है। शहरी विकास प्राधिकरण (LDA) ने इस इलाके में करीब 500 अवैध मकानों को तोड़ने की योजना बना रखी है। इन मकानों के निर्माण में कई साल पहले बनाए गए घर भी शामिल हैं, जिनकी अमान्यता को लेकर समुचित कार्रवाई की जा रही है।
घर खाली करने की अपील
अबरारनगर इलाके के निवासियों के लिए तारीख़ का अल्टीमेटम जारी किया गया है। जिसमें उन्हें तीन दिनों में अपने घरों को खाली करने की अपील की गई है। LDA के मुताबिक़, ये मकान सड़कों के नियमों का उल्लंघन करते हुए कुकरैल नदी के किनारे अमान्य तरीके से निर्मित हैं।
इस इलाके में वास करने वाले लोगों की दिनचर्या में शनिवार को बड़ी घटना देखने को मिली, जब LDA की टीम ने इलाके के अवैध मकानों की प्लानिंग की तरफ बढ़ते कदम देखा। इसके पश्चात्, इलाके के कई निवासी अपने घरों में वापस चले गए और विशेषतः कैमरे और माइक्रोफोन के प्रकट होते ही।
3 मस्जिद,1 मदरसा टूटेगा
अबरार नगर में करीब 800 से ज्यादा मकान हैं। जिन घरों को गिराया जाना है, उनमें 100 से ज्यादा ऐसे मकान हैं, जिसकी लागत और प्रापर्टी की कीमत दो करोड़ रुपए से ज्यादा है। बताया जा रहा है कि यहां भी ज्यादातर मकान कुकरैल नदी की जमीन पर बने हैं। हालांकि कई मकान दो से तीन दशक पुराने हैं। मौजूदा समय यहां जमीन का रेट 5000 हजार रुपए वर्ग फीट से ज्यादा है।
यहां पर भी 3 मस्जिद और एक मदरसा बना है। उसके अलावा करीब 200 से ज्यादा ऐसे मकान हैं, जिसकी जमीन और निर्माण की कीमत जोड़ी जाए तो वह कम से कम 1 करोड़ रुपए से ज्यादा है।
लोगों ने साझा की अपनी भावना
लोगों ने अपनी भावनाओं को साझा करते हुए बताया कि यदि मीडिया में उनका चेहरा दिख गया तो उनके घर पहले ही गिराए जाएंगे। पिछले अकबरनगर में भी ऐसे ही कई मामले आए थे, जहां प्रशासन ने शहर के अवैध मकानों पर अपनी कार्रवाई शुरू की थी।
क्या है इस इलाके में खास
अबरारनगर के विशेषता की बात करें तो, यह इलाका कुकरैल नदी के पास स्थित है, बता दें कि खुर्रमनगर से कुकरैल की तरफ जाने सड़क पर 50 मीटर बाद ही अबरारनगर इलाका शुरू हो जाता है। यहां नदी या नाला कहा जाता है। जिसकी चौड़ाई 40 फीट से भी कम है। इसी के दोनों तरफ मकान बना लिए गए हैं। यहीं बीच से एक नाला भी गुजरता पर जिस पर अतिक्रमण करके कई मकान बने हैं।
नाले के बाईं तरफ करीब 1500 मीटर तक 50 मीटर की चौड़ाई में करीब 350 से ज्यादा मकान हैं, जिनका टूटना तय है। जबकि दाईं तरफ भी 1500 मकान बनाए गए हैं। उस पर भी कार्रवाई की जा सकती है। नदी के किनारे कई नए मकान भी बने हैं, जो आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं।
3 दिन में घर खाली करने का अल्टीमेटम
इस समय, लोगों को LDA के द्वारा तीन दिनों में अपने घरों को खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया है, जिससे लोगों में अफसोस और चिंता की स्थिति बनी है। इस प्रकार की कड़ी कार्रवाई के बाद लोगों ने व्यक्तिगत रूप से अपने अधिकारों की रक्षा करने का निर्णय लिया है, जिसका परिणाम समाज में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है।
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