उत्तर प्रदेश के Amroha जिले में एक मजदूर ने पुलिस पर उत्पीड़न की उत्पीड़न से तंग आकर आत्महत्या कर ली। मृतक मजदूर ने सुसाइड नोट लिखकर फंदे पर झूलकर आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट में मृतक ने पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। सुसाइड नोट पीड़ित ने 2022 में झूठे मुकदमे में फंसाने का जिक्र किया है। मुकदमे से के लिए पीड़ित से 18 लाख रूपए की मांग की जा रही थी। मामला अमरोहा जिले के सैदनगली क्षेत्र के तरारा गांव का है।
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हालाँकि अमरोहा के एसपी लंगेश ने इन आरोपों को ख़ारिज कर दिया है। उन्होंने कहा, ट्रिब्यूनल कोर्ट द्वारा सड़क दुर्घटना हर्जाना संबंधी 18 लाख रूपये का नोटिस जारी होने पर सैदनगली क्षेत्र में एक व्यक्ति द्वारा तनाव के चलते आत्महत्या कर लेने सम्बन्धी प्रकरण की गहनता से जांच की जा रही है। पुलिस द्वारा 18 लाख मांगे जाने के आरोप असत्य है।
पीड़ित मजदूर ने सुसाइड करने से पहले सुसाइड नोट में लिखा- ये सरकार भी भी गन्दी है और इस सरकार में काम करने वाला कर्मचारी गंदे है। मैं क्या किसी सवारी में भिड़ने वाला किसी को मार सकता है तो मैंने भी मार डाला। मैं इस सरकार से पूछना चाहता हूँ की भिड़ने वाला मरता है या चलने वाला मरता है। मगर मेरे जाने के बाद मेरे चार बच्चे हैं, इनका पालन-पोषण ! नगली थाने के कर्मचारियों ने पहले पांच लाख लेकर मुझे खहुथा फ़ांस दिया। 21-6-2022 को जितने भी पुलिस वाले हैं सब मेरे बच्चों का पालन-पोषण और जीवनभर देख-रेख करनी होगी। मेरी लाश को जब तक मत लेकर जाना ! Yogi आदित्यनाथ से एक रिक्वेस्ट की मुझे और मेरे बच्चों को न्याय मिलना चाहिए। मेरी मौत का कारन ये जितने भी नगली थाने के कर्मचारी हैं ये हैं। सच कोज्हुथा बना देते हैं और झूठ को सच करना तो कोई इनसे सीखे। ये सरकार भी गन्दी हैं और इनके कर्मचारी भी गंदे।