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धार्मिक चिह्न पहन कर परीक्षा देने से रोकने के आदेश पर सिखों में रोष

हरियाणा लोक सेवा आयोग पंचकूला द्वारा 12 सितंबर को एक परीक्षा आयेाजित की जा रही है और सरकारी अधिकारियों द्वारा आदेश पारित किए गए हैं कि कोई भी सिख परीक्षार्थी कड़ा व श्री साहिब (छोटी कृपाण) पहन कर परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं कर सकता।

कुरुक्षेत्र में शिरोमणि अकाली दल हरियाणा के प्रदेश प्रवक्ता कवलजीत सिंह अजराना ने कहा कि सिखों को दबाने का षड्यंत्र रचने से भाजपा सरकार बाज नहीं आ रही। केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन, आंदोलनकारियों की लंगर सेवा और सहयोग करने से बौखलाई भाजपा सरकार द्वारा सिखों को दबाने के लिए औच्छे हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। इसी का परिणाम है कि सरकारी अधिकारियों द्वारा हरियाणा लोक सेवा आयोग पंचकूला द्वारा 12 सितंबर को आयोजित प्रतियोगी परीक्षा में सिख परीक्षार्थी के कड़ा व श्री साहिब (छोटी कृपाण) पहन कर परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने पर पाबंदी लगा दी है। वे ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब पातशाही छठी कुरुक्षेत्र में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

कवलजीत सिंह अजराना ने कहा कि हरियाणा लोक सेवा आयोग पंचकूला द्वारा 12 सितंबर को एक परीक्षा आयेाजित की जा रही है और सरकारी अधिकारियों द्वारा आदेश पारित किए गए हैं कि कोई भी सिख परीक्षार्थी कड़ा व श्री साहिब (छोटी कृपाण) पहन कर परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं कर सकता। सिखों द्वारा अपने धार्मिक चिह्न पहन कर कोई भी परीक्षा देने के संबंध में आरटीआई का जवाब देेते हुए हरियाणा चयन कर्मचारी आयोग ने स्पष्ट किया है कि महिलाएं मंगलसूत्र और सिख परीक्षार्थी कड़ा व श्री साहिब पहन कर परीक्षा दे सकता हैं। इसके बावजूद सरकारी अधिकारियों द्वारा एक आदेश जारी करते हुए कहा गया है कि 12 सितंबर को होने वाली परीक्षा में कोई भी सिख परीक्षार्थी कड़ा व श्री साहिब पहन कर सेंटर में प्रवेश नहीं कर सकता। इन आदेशों की निंदा करते हुए अजराना ने कहा कि सिख कौम ने देश सेवा करते हुए कुर्बानियां दी हैं, लेकिन सरकार के षड्यंत्र के चलते सिखों को दूसरे दर्ज का शहरी माना जा रहा है। एसजीपीसी धर्म प्रचार कमेटी के मेंबर जत्थेदार तजिंदर पाल सिंह लाडवा ने कहा कि प्रदेश के सीएम मनोहर लाल सिख इतिहास से परिचित है, लेकिन सरकारी अधिकारियों द्वारा 12 सितंबर की परीक्षा में कड़ा व श्री साहिब पहन कर जाने पर प्रतिबंध लगाकर निंदाजनक कदम उठाया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इन आदेशों को वापिस नहीं लिया, तो सिख कौम कड़ा कदम उठाने पर विवश होगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस बारे में लिखित आदेश दिए हैं, जबकि कड़ा व श्री साहिब (ककार) पहन कर सिख कहीं भी जा सकता है। इसलिए सरकार को यह आदेश वापिस लेने चाहिए। उन्होंने कहा कि सिख परीक्षार्थियों पर मानसिक दबाव बनाने के लिए यह आदेश पारित किए गए हैं, जिसे कभी सहन नहीं किया जाएगा।

इस मौके पर सिख मिशन हरियाणा के प्रभारी ज्ञानी मंगप्रीत सिंह व सहायक प्रभारी जसबीर सिंह लौंगोवाल, शिरोमणि अकाली दल कुरुक्षेत्र के जिला शहरी प्रधान तेजिंदर सिंह मक्कड़, गुरुद्वारा साहिब के मैनेजर अमरिंदर सिंह, सिख मिशन से प्रताप सिंह, हरकीरत सिंह सहित अन्य मौजूद रहे।  

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