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Arms Wrestling: देवरिया के लाल सूर्य प्रताप शर्मा वर्ल्ड चेम्पियनशिप में लहराएंगे तिरंगा

Arms Wrestling_Surya Pratap Sharma

Arms Wrestling_Surya Pratap Sharma

Arms Wrestling: देवरिया जिले के मुड़ाडीह गांव के इंटरनेशनल खिलाडी सूर्य प्रताप शर्मा का चयन फ्रांस में होने वाले वर्ल्ड चेम्पियनशिप के आर्म्स रेसलिंग में हुआ है, सूर्य प्रताप शर्मा आर्म्स रेसलिंग में अपना दांव आजमाएंगे।
आपको बतादें कि इस बार फ्रांस में 26 सितंबर से 2 अक्टूबर तक होने वाले वर्ल्ड चेम्पियनशिप में सूर्य प्रताप शर्मा का आर्म्स रेसलिंग में चयन हुआ है,अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी सूर्य प्रताप शर्मा इसके पहले 2017 में भारत के लिए वर्ल्ड कप, 2017 में एशिया कप और 2013 से अभी तक लगातार नेशनल चेम्पियन रहे हैं।

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सूर्य प्रताप शर्मा प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकार गोविन्द मौर्य से बताया कि दूसरी बार वर्ल्ड चेम्पियनशिप में भारत की तरफ से मैं खेलने जा रहा हूं, उन्होंने बातचीत में दुःख के साथ बताया कि फंड की कमी और दिव्यांग खिलाड़ी जो खेल में रुचि रखते हैं या जो खेल में आगे बढ़ना चाहते हैं, उनको इतने ज्यादे कागजात बनवाने पड़ते हैं जिससे कि बहुत से खिलाड़ी अपनी खेल भावना को मन में ही दबाकर वापस चले जाते हैं, उन्हें खेलने के लिए व खेल सम्बंधित सामान खरीदने के लिए पर्याप्त फंड तक नहीं मिल पाता है।

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उन्होंने कहा कि- मैं देश भर के ढ़ाई करोड़ से ज्यादा विकलांगों को एकजुट करने में लगा हूं, जिस तरह वर्गीय समीकरण के आधार पर हर वर्ग से देश की संसद में उनके प्रतिनिधि मौजूद हैं, हम विकलांगों के तरफ से कोई नहीं है जो हमारी तकलीफ़ों, हमारी जरूरतों और हमारे लिए संसद में आवाज को उठाए, इसीलिए अब जरूरत है कि विकलांगो में से अपना कोई एक संसद में चुनकर जाए और हमारे अधिकारों के लिए वहाँ आवाज उठाए।

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बातचीत के दौरान शर्मा बताया कि हम विकलांग खिलाड़ियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है, देश में अन्य खिलाड़ियों को तमाम सुविधाएं दी जाती हैं, सुरक्षा की व्यवस्था की जाती है पर वर्ल्ड कप और एशिया कप जीतने के बाद भी मुझे कोई व्यवस्था नहीं दी गई और ना ही सुरक्षा की कोई व्यवस्था की गई है जबकि मुझे धमकी मिली है, मैंने देवरिया के पुलिस अधीक्षक व जिलाधिकारी को सुरक्षा उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में प्रार्थना पत्र दिया है, फिर भी उन लोगों द्वारा कोई रिस्पांस नहीं मिला ना ही कोई सुरक्षा की व्यवस्था हुई है, यहां तक कि वर्ल्ड चैंपियनशिप में जाने के लिए सरकार द्वारा पर्याप्त फंड नहीं मिला, मेरी इस व्यथा को जानने के बाद दुबई की COBOX METAVERAS कम्पनी ने मुझे फंड दिया। यह अजीब बात है खिलाड़ी भारत देश के लिए खेले और वर्ल्ड कप लाए और खर्च उठाएं दुबई की कम्पनी।

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