Azamgarh: आजमगढ़ कोर्ट ने अपनी चार साल की बेटी की हत्या के दोषी पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही, इस मामले में एक अन्य आरोपी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है। दोषी पिता पर सात हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर 1, सतीश चंद्र द्विवेदी ने गुरुवार को सुनाया।
क्या था मामला
अभियोजन पक्ष के अनुसार, मृत बच्ची की मां बेबी, पत्नी प्रकाश ने 11 मार्च 1999 को जहानागंज थाने में अपने पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। शिकायत में कहा गया था कि बेबी की चार साल की बेटी अपने ननिहाल, चिरैयाकोट कस्बा मऊ में रह रही थी। लगभग 20 दिन पहले, आरोपी पिता प्रकाश चिरैयाकोट गया और अपनी बेटी को ग्राम पटेहुआ ले आया। वहां उसने अपनी बेटी को कुएं में फेंक दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।
यह भी पढ़ें: Azamgarh: सिर कटे शव से इलाके में हलचल, बरामद लाश बाद जांच में तेजी
जानें क्या है पूरी घटना
जब बच्ची की मां ने प्रकाश से उसकी बेटी के बारे में पूछताछ की, तो प्रकाश ने उसे धमकाया। उसने कहा, “अगर यह बात किसी को पता चली, तो तुम्हें भी मार डालूंगा।” इसके बाद, जहानागंज थाना पुलिस ने मामला दर्ज किया और जांच शुरू की। इस मामले में आरोपी पति प्रकाश के अलावा दो अन्य लोगों को भी चार्जशीट में नामित किया गया।
अदालत की कार्यवाही
मुकदमे की सुनवाई के दौरान आरोपी अच्छेलाल की मृत्यु हो गई। सरकारी अधिवक्ता जगदंबा पांडे ने कोर्ट में कुल सात गवाहों को पेश किया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी प्रकाश को अपनी ही बेटी की हत्या का दोषी पाया। इसके परिणामस्वरूप, उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई और साथ ही सात हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया। अगर जुर्माना अदा नहीं किया जाता है, तो अतिरिक्त छह महीने की सजा भुगतनी होगी। इस मुकदमे के एक अन्य आरोपी, पप्पू उर्फ सुनील को पर्याप्त सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया।
यह भी पढ़ें: Azamgarh Crime News: बहला-फुसलाकर पहले झांसे में लिया, फिर की युवती के साथ दरिंदगी