Begusarai News: अमेरिका से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले एक छात्र ने बेगूसराय आकर स्टार्टअप की शुरुआत की। उसने नई पहल के रूप में 50 लोगों को रोजगार दिया। यह प्रोजेक्ट 4 करोड़ रुपये से शुरू हुआ था और अब 10 करोड़ रुपये के टर्नओवर तक पहुंच गया है। दिल्ली से B.Tech की डिग्री हासिल करने वाले शाम्हों के रहने वाले सौम्य श्री ने अमेरिका में पढ़ाई की और 2019 में M.Tech डिग्री प्राप्त की। शिक्षा और व्यवसायिक पृष्ठभूमि वाले बड़े परिवार से जुड़ा सौम्य श्री चाहता तो करोड़ों के पैकेज पर विदेश में इंजीनियरिंग की नौकरी कर सकता था, लेकिन उसने व्यवसाय को चुना और कार्य स्थल बनाया अपना गृह जिला बेगूसराय को।
पशुपालकों को मिला सहारा
2020 में, सौम्य श्री ने साइलेज प्रोडक्शन प्लांट की शुरुआत की। इससे पशुपालकों को अपने मवेशी के लिए हरा चारा मिलने लगा, जो मिनरल्स से युक्त और सूखे चारा भूसे से भी कम दाम में उपलब्ध होता है। उनके इस प्रोजेक्ट ने तेजी से प्रगति की। अब “नवगंगा” ब्रांड के नाम से बनाए गए साइलेज का प्रसार बिहार के अलावा कई राज्यों तक हो रहा है।
स्टार्टअप से 400 किलो तक की हो रही पैकिंग
इस साइलेज के बनने से पशुपालकों को गर्मी और सुखाड़ के समय भी हरा चारा मिल रहा है, और किसानों को समय पर मक्के का उचित मूल्य मिल रहा है। इस प्रोजेक्ट में 50 लोगों को रोजगार मिला है, जिनमें मशीन चालक, टेक्निकल पर्सन, और मजदूर शामिल हैं। 50 और 400 किलो के पैकिंग के साथ, साइलेज विभिन्न राज्यों में भेजा जा रहा है।
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किसान की परेशान को देखकर शुरू किया
चार करोड़ रुपये से शुरू होने वाले यह प्रोजेक्ट अब 10 करोड़ रुपये के टर्नओवर पर पहुंच चुका है। सौम्य श्री ने बताया कि उन्होंने 2016 में दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से B.Tech की डिग्री ली और फिर 2019 में M.Tech पास किया। उन्हें डेयरी के संबंध में रुचि थी, और गांव में आकर वे किसानों के साथ उनकी मुश्किलें देख रहे थे। किसानों की परेशानियों को देखकर, वे हरे चारे की आपूर्ति, दूध का उत्पादन, और आय में वृद्धि के लिए इस काम की शुरुआत की। उन्होंने यहाँ पशुपालकों को मिलने वाले हरे चारे का पूरा फायदा देखा, और इस पर काम करना शुरू किया। उन्होंने साइलेज को मिनरल्स के साथ बनाया, जिससे यह पशुओं के लिए बेहतर रहता है। यह प्रोडक्ट अब बिहार के अलावा अन्य राज्यों में भी उपलब्ध है।
50 लोगों को मिला रोजगार
इस प्लांट की क्षमता 20 हजार टन प्रति वर्ष है, और वर्तमान में 10 हजार टन बना रहे हैं। यह साइलेज बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, असम, और त्रिपुरा तक पहुंचाया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट से 50 लोगों को रोजगार मिला है, और 4 करोड़ रुपये की लागत से शुरू हुआ, अब इसका 10 करोड़ का टर्नओवर है। उनकी योजना में एक और प्लांट लगाने की है, जिस पर काम चल रहा है। अब पशुओं को हर मौसम में हरे और सुखे चारा उपलब्ध होगा, जिससे उनकी सेहत बनी रहेगी और किसानों को भी लाभ होगा।
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