Bhatni Deoria: यूपी के देवरिया जिले के भटनी थाना क्षेत्र के बेहरा डाबर गांव में 27 नवंबर को खून से लथपथ एक बच्ची का शव मिला था। अब इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। तंत्र मंत्र के चक्कर में 10 साल की बच्ची की बलि दे गई थी। बच्ची की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि बच्ची के पिता के मामा-मामी ने की थी। बच्चे उन्हें भी मामा मामी ही कहते थे। पुलिस ने आरोपी दंपत्ति को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया है कि उनका 22 साल बेटा मानसिक रूप से बीमार है। नवरात्री में सपने में आकर देवी माँ ने कुंवारी कन्या कि बलि मांगी थी। इसलिए उन्होंने बच्ची की गला रेतकर हत्या कर दी। दंपत्ति ने यूट्यूब से तंत्र-मंत्र सीखा है।
27 नवंबर को क्या-क्या हुआ था ?
जिले के भटनी थाना क्षेत्र के बेहरा डाबर गांव में 10 साल की बच्ची की खून से लथपथ शव गांव के बाहर मिला था। बच्ची का शव गांव के बाहर अरहर के खेत से सटे मक्के के डंठल के बीच छिपाया गया था।
कुत्तों के भौंकते देख लोगों को शक हुआ तो स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दी गई। पुलिस ने शव को बाहर निकला और देखा तो बच्ची के गले पर धारदार हथियार से कट के निशान थे। बच्ची की पहचान अवदेश यादव की 10 वर्षीय बेटी अंशिका के रूप में हुई। अंशिका भरहे चौरा गांव की रहने वाली थी।
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अंशिका अपने दादी के साथ पिता के ननिहाल आई थी। यहाँ 26 नवंबर को लड़की की बारात आनी थी। नए मकान शादी की रश्मि हो रही थी जबकि पुराने मकान में घर सभी सदस्य रह रहे थे। सभी लोग शादी की तैयारियों में जुटे थे इसी बीच शाम करीब 5 बजे शादी समारोह स्थल से बच्ची गायब हो गई। पूरी रात परिजन बच्ची की खोजबीन करते रहे लेकिन बच्ची का कुछ पता नहीं चल पाया। अगले दिन सुबह लगभग 11 बजे घर से 200 मीटर की दूरी पर खून से लथपथ बच्ची का शव मिला। बच्ची का शव मिलते ही इलाके में हड़कंप मच गया।
सुचना मिलते ही मौके परिजन पहुंचे। पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा भी पुलिस फाॅर्स के साथ मौके पहुंच गए। उन्होंने घटना के खुलासे के लिए तीन टीमों का गठन किया।
कैसे हुआ हत्या का खुलासा
पुलिस को मौके से खून से सना एक बनियान मिला, पास ही एक शाल भी पड़ा मिला। पुलिस ने जब जाँच आगे बधाई को हत्या में किसी नजदीकी के होने का शक हुआ। पुलिस ने जब बनियान और शाल की पहचान कराई तो वो मृतका के पिता के मामा शेषनाथ यादव और मामी सविता के निकले। यही से पुलिस को ब्लाइंड मर्डर का क्लू मिल गया। पुलिस ने दंपत्ति को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उन्होंने मासूम की हत्या की बात कबूल कर ली।
आरोपियों ने हत्या में क्या कबूल किया?
आरोपी सविता ने पूछताछ में बताया कि मेरा परिवार उत्तराखंड में रहता है। एक बेटा है जिसका नाम संजय है। संजय की उम्र 22 साल है। बेटा मानसिक रूप से बीमार है, उसे ठीक करने के लिए तंत्र मंत्र की साधना करती थी। तंत्र-मंत्र मैंने यूट्यूब से सीखी है। जब लोग बुलाते हैं तो जाती भी थी।
नवरात्रि में देवी में मेरे सपने में आई थीं। माता कहा था कि कुंवारी कन्या की बलि डौगी तो तुम्हारा बेटा ठीक हो जायेगा। मई और मेरे पति शेषनाथ शादी समारोह में आए थे। इसी दौरान हमारी नज़र अंशिका पर पड़ी, तभी हम दोनों ने उसे मरने का प्लान बनाया।
अंशिका थोड़ा कम बोलती थीं। 26 नवंबर को शादी उसी दिन शाम को 5 बजे मैंने अंशिका बुला लाई। इसके बाद रात में चाकू से अंशिका का निर्मम हत्या कर दी। उसके शरीर के 5 अंगों से खून निकालकर बलि चढ़ाई। फिर रात को ही घर से 200 मीटर की दूरी पर ले जाकर अरहर के खेत के मक्के के डंठलों में फेंक दिया। कुछ दूरी पर अंशिका के कपड़े भी फेंक दिया।
पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा ने बताया कि मृतका अपने पाप के अनीहाल में शादी अटेंड करने आई थीं। जहाँ उसके पिता के मामा-मामी ने हत्या के घटना को अंजाम दिया। हत्या में प्रयुक्त हथियार और सारे एविडेन्स हमने इकठ्ठा कर लिया है।
घटना का सफलतापूर्वक खुलासा करने पर डीआईजी रेंज ने खुलासा करने वाली टीम को 50 हजार रूपए ईनाम देने कि घोषणा की है। साथ ही टीम को पुलिस महानिदेशक प्रशंसा चिन्ह से सम्मानित करने की संस्तुति भी की गई है।