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Modi Surname Case में राहुल गांधी को बड़ी राहत, Supreme Court ने लिया ये फैसला

Modi Surname Case में राहुल गांधी को बड़ी राहत, Supreme Court ने लिया ये फैसला

Modi Surname Case में राहुल गांधी को बड़ी राहत, Supreme Court ने लिया ये फैसला

Modi Surname Case: मोदी सरनेम मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने राहुल की सजा पर रोक लगा दी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुजरात उच्च न्यायालय (Gujarat High Court) के आदेश को चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने आपराधिक मानहानि मामले (Defamation Cases) में राहुल की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

दोनों पक्षों के वकीलों को मिला बोलने के लिए 15-15 मिनट का समय

आपको बता दें कि राहुल गांधी की संसद सदस्यता (Parliament Membership) रद्द होने के मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सर्वोच्च अदालत में इस मामले की सुनवाई के लिए आधे घंटे का वक्त तय किया, जिसमें दोनों पक्षों के वकीलों को बोलने के लिए 15-15 मिनट मिले। राहुल गांधी की ओर से पक्ष रखा गया है कि उन्होंने पूरे समुदाय का अपमान नहीं किया है, इस तरह के मामले में सिर्फ राहुल को ही ऐसी सजा मिली है।

दलीलों पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी

पूर्णेश मोदी (Purnesh Modi) की ओर से दी गई दलीलों पर सुप्रीम कोर्ट ने भी सख्त टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि कितने नेताओं को अपने पुराने भाषण याद हैं। निचली अदालत ने इस मामले में दो साल की सजा क्यों दी है। सुप्रीम कोर्ट में दोनों पक्षों की ओर से क्या दलीलें रखी गईं।

https://youtu.be/tOZP1rLS8hs

याचिकाकर्ता का असली सरनेम मोदी नहीं

राहुल गांधी की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने इस मामले में दलील दी, उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने अपने भाषण में जिन लोगों का नाम लिया है, उनमें से किसी ने मुकदमा नहीं किया, लेकिन सिर्फ बीजेपी के नेता ही इसमें मुकदमा कर रहे हैं। वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता का असली सरनेम मोदी नहीं है, वह मोध सरनेम से मोदी बने हैं। उन्होंने यह भी दलील दी कि गवाहों ने साफ कहा है कि राहुल ने पूरे समुदाय का अपमान नहीं किया।

याचिकाकर्ता के पास राहुल गांधी के खिलाफ नहीं कोई सबूत

अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ये कोई अपहरण, रेप या हत्या का केस नहीं है, ऐसा काफी कम ही होता है जहां इस तरह के केस में 2 साल की सजा हुई हो। सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान अभिषेक मनु सिंघवी को टोका और कहा कि आप यहां राजनीतिक बहस ना करें, इसे राज्यसभा के लिए बचाकर रखें। इस पर सिंघवी भी मुस्कुरा दिए। राहुल गांधी के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता के पास राहुल गांधी के खिलाफ कोई सबूत नहीं है, जो शिकायत दर्ज की गई है वह भी अखबार की कटिंग के आधार पर है जो व्हाट्सएप पर मिला था।

पूर्णश मोदी की ओर से रखी गई ये दलीलें

पूर्णेश मोदी की ओर से महेश जेठमलानी ने अपनी दलीलें पेश कीं। उन्होंने कहा कि राहुल के भाषण की कॉपी निर्वाचन आयोग के पास है, सीडी नंबर-2 में सबकुछ स्पष्ट है। महेश जेठमलानी ने कोर्ट में राहुल गांधी की स्पीच का हिस्सा भी पढ़ा। उनके पास पर्याप्त सबूत और गवाह हैं।

पूर्णेश मोदी के वकील ने अपील की है कि राहुल की टिप्पणी पूरे मोदी समुदाय पर थी, इसलिए उनकी दोषसिद्धी पर रोक नहीं लगनी चाहिए। जिस व्यक्ति को आदर्श आचार सहिंता का पालन सुनिश्चित करने के लिए तैनात किया गया था, उसने ही राहुल की स्पीच को रिकॉर्ड किया है। राहुल ने अपने भाषण में मोदी समुदाय का अपमान किया।

https://youtu.be/rTj7G8Jmsv8

क्या है राहुल गांधी से जुड़ा मामला?

राहुल गांधी को इस मामले में 2 साल की सजा हो चुकी है, जिसकी वजह से उनकी संसद सदस्यता रद्द हो गई थी। इतना ही नहीं वह सजा पूरी होने के 6 साल बाद तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी नेता पूर्णेश मोदी ने सूरत की एक अदालत में याचिका दायर की थी।

साल 2019 के चुनाव में राहुल गांधी ने कर्नाटक की एक रैली में विवादित बयान दिया था, जिसमें उन्होंने मोदी सरनेम पर टिप्पणी की थी। पूर्णेश मोदी ने इसी मामले में याचिका लगाई थी, राहुल ने माफी मांगने से इनकार किया था और कोर्ट ने उन्हें सजा दी थी। सूरत कोर्ट के फैसले के खिलाफ राहुल गांधी ने गुजरात हाईकोर्ट में अपील की थी।

हालांकि, यहां से भी उन्हें राहत नहीं मिली और मार्च में गुजरात सरकार ने जब फैसले को बरकरार रखा तब राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द हो गई थी। राहुल ने अपना सरकारी बंगला भी खाली कर दिया था।

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