Supreme Court On Adipurush: फिल्म आदिपुरुष (Adipurush) के निर्माताओं (Makers) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ी राहत मिली है। फिल्म ‘आदिपुरुष’ का CBFC सर्टिफिकेट (Central Board of Film Certification) रद्द करने की मांग पर शुक्रवार (21 जुलाई) को सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ”CBFC अपना काम करता है. उसकी ओर से जारी सर्टिफिकेट को चुनौती पर सीधे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकती।”
यह भी पढ़ें:- Pithoragarh: भारतीय श्रद्धालु जल्द ही शुरू कर सकेंगे भगवान शिव के निवास स्थान “कैलाश पर्वत” की यात्रा
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें फिल्म के निर्माता, निर्देशक और संवाद लेखक को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा गया था। सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म के खिलाफ दूसरे हाई कोर्ट में लंबित मामलों पर भी रोक लगा दी है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया था पेश होने का आदेश
इलाहाबाद हाई कोर्ट में पेशी के आदेश के खिलाफ फिल्म आदिपुरुष के निर्माता बुधवार (12 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। उनके वकील ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश का मामला चीफ जस्टिस के सामने रखने की कोशिश की, लेकिन चीफ जस्टिस ने कहा कि वह सुनवाई का अनुरोध कल उनके सामने रखें।
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फिल्म आदिपुरुष के निर्देशक ओम राउत, निर्माता भूषण कुमार, संवाद लेखक मनोज मुंतशिर को 27 जुलाई को अदालत के समक्ष पेश होने का आदेश दिया था। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को फिल्म पर अपना विचार पेश करने के लिए एक समिति के गठन का निर्देश भी दिया था।
सभी हाईकोर्ट में लंबित याचिकाओं पर लगी रोक
सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के बाद इलाहाबाद के साथ अन्य हाईकोर्ट में फिल्म आदिपुरुष के खिलाफ चल रही सभी सुनवाईयों पर रोक लग जाएगी। फिल्म आदिपुरुष के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए फिल्म के निर्माता, निर्देशक और संवाद लेखक को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने को कहा था।
यह भी पढ़ें:- Train में सीट पर पहुंचने में 10 मिनट से ज्यादा की देरी हुई तो कैंसल हो जाएगी टिकट, जानें Indian Railway New Ticket Rules
इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल इन याचिकाओं में धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाते हुए फिल्म को बैन करने की मांग की गई थी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट में इसका CBFC सर्टिफिकेट रद्द करने की मांग की याचिका लगाई गई थी।