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Bihar Flood: मानसून के चलते नदियों में बाढ़, कोसी-गंडक-महानंदा खतरे के पार

Bihar Flood

Bihar Flood: बिहार में मानसून की सक्रियता के साथ कई नदियाँ उफान पर हैं। केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के अनुसार, गंडक नदी गोपालगंज के डुमरिया घाट में 112 सेंटीमीटर और बागमती नदी मुजफ्फरपुर जिले के बेनीबाद में 95 सेंटीमीटर, जबकि रुन्नीसैदपुर में 88 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। वही, कमला बलान नदी मधुबनी जिले के झंझारपुर में 132 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर है।

कोसी और गंडक खतरे के निशान से ऊपर

कोसी नदी खगड़िया के बलतारा में 97 सेंटीमीटर, महानंदा नदी पूर्णिया जिले के ढेंगरा घाट में 64 सेंटीमीटर और कटिहार के झावा में 42 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। परमान नदी अररिया में 84 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर है। इन नदियों के जलस्तर में और वृद्धि की संभावना जताई जा रही है, जबकि कुछ नदियों में जलस्तर में कमी भी हो सकती है।

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वहीं, गोपालगंज सदर प्रखंड के राजवाही गांव में भी गंडक नदी से आई बाढ़ में फुसानुमा घर डूब रहा है। घरों से सामान निकालकर लोग सड़क शरण लिए हैं। वहीं रामनगर गांव में प्लस विद्यालय, मिडिल स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र का आधा हिस्सा बाढ़ के पानी में डूब चुका है। जान जोखिम में डालकर लोग सड़क पार करने को मजबूर हैं, क्योंकि सरकार और प्रशासन की ओर से नाव का इंतजाम नहीं किया गया है। स्थानीय लोगों के अनुसार सरकार और प्रशासन के स्तर पर बाढ़ से स्थायी निदान के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाया जाता है। इस बार भी गंडक नदी तबाही मचा रही है। बाढ़ से लोग परेशान हैं और सरकार से मदद मिलने का इंतजार कर रहें हैं।

साथ ही, महानंदा नदी उफान पर है। आजमनगर में नदी डेंजर लेवल को पार कर चुकी है। इसके कारण कई गांवों का सड़क संपर्क भंग हो गया है। लोग नाव से आवगामन कर रहे हैं। नाव की कमी की वजह से आवागमन करना मुश्किल भरा साबित हो रहा है। महानंदा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि महानंदा डेंजर लेवल से ऊपर आ चुकी है। साथ ही उन्होंने कहा कि बहरखाल में पानी डेंजर लेवल से ऊपर पहुंच गया है। आजमनगर प्रखंड के आधा दर्जन से अधिक गांव महानंदा के बाढ़ की चपेट में है।

बारिश के कारण बढ़ता जलस्तर

मौसम विभाग के अनुसार, कोसी, महानंदा, बागमती, अधवारा और गंडक नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में सामान्य से मध्यम बारिश होने की संभावना है। पिछले 24 घंटों में गया में 86 मिलीमीटर और ठकराहा में 68 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। इस बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है।

जिसके कारण कई इलाकों में एहतियातन बिजली सप्लाई काट दी गई है। आने-जाने के लिए नाव एकमात्र सहारा है। लेकिन, सरकारी स्तर पर नाव का इंतजाम नहीं किया गया है।

गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे

हालांकि राहत की बात है कि बिहार में गंगा का जलस्तर बढ़ने के बावजूद अभी भी खतरे के निशान से नीचे है। दीघा घाट पर गंगा का जलस्तर 47.99 मीटर, गांधी घाट पर 47.41 मीटर, हाथीदह में 39.95 मीटर, मुंगेर में 36.12 मीटर, भागलपुर में 31.07 मीटर और फरक्का में 20.46 मीटर दर्ज किया गया है। इन स्थानों पर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे बना हुआ है।

सरकार ने दिया आश्वासन

नदियों के उफान के कारण बिहार के उत्तर भाग के कई ग्रामीण और दियारा इलाकों में संपर्क कट गया है और नाव ही एकमात्र आवागमन का साधन रह गया है। हालांकि, सरकार का कहना है कि बिहार की सभी नदियों के तटबंध सुरक्षित हैं। इंजीनियर और अधिकारी तटबंधों पर लगातार निगरानी रख रहे हैं और आवश्यक सुधारात्मक उपाय किए जा रहे हैं।

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