Criminal law

Criminal law: देशभर में सोमवार से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो रहे हैं, जिनमें भारतीय न्याय प्रणाली में व्यापक बदलाव आने की उम्मीद है। ये नए कानून भारतीय दंड संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के पुराने औपनिवेशिक कानूनों को स्थान देंगे। नए कानूनों के अंतर्गत, आपराधिक मामलों में जीरो एफआईआर की सुविधा, पुलिस में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने की सुविधा, एसएमएस के जरिए समन भेजने जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों का उपयोग, और सभी जघन्य अपराधों के मामले में अनिवार्य वीडियोग्राफी शामिल होगी।

अब 511 धाराओं के बजाय 358 धाराओं पर होगा कम

नए कानूनों के अनुसार, भारतीय दंड संहिता में विभिन्न धाराओं का संशोधन किया गया है जिससे यह अब 511 धाराओं के बजाय 358 धाराओं पर कम हो गई है। ‘जीरो एफआईआर’ की व्यवस्था से अब किसी भी व्यक्ति को किसी भी पुलिस थाने में प्राथमिकता दर्ज कराने का अधिकार होगा, चाहे अपराध उसके अधिकार क्षेत्र में हुआ हो या न हो। इससे कानूनी कार्रवाई में देरी कम होगी और मामला तुरंत दर्ज किया जा सकेगा।

3 अहम बदलाव

जीरो एफआईआर की सुविधा: अब किसी भी अपराध में अगर पीड़ित चाहे, तो वह किसी भी पुलिस थाने में अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है, चाहे उसके अधिकार क्षेत्र में अपराध हुआ हो या न हो।

अपराधिक मामलों में तेज न्याय सुनिश्चित करने की प्रक्रिया: अब अपराधिक मामलों में फैसला मुकदमा पूरा होने के 45 दिन के भीतर आएगा और पहली सुनवाई के 60 दिन के भीतर आरोप तय किए जाएंगे।

बच्चों को खरीदने और बेचने के खिलाफ नया अध्याय: नए कानूनों में बच्चों को खरीदने और बेचने को जघन्य अपराध माना गया है और इसके लिए सख्त सजा का प्रावधान किया गया है।

दुष्कर्म पीड़िताओं का बयान महिला पुलिस लेगी

इन नए कानूनों के अंतर्गत, आपराधिक मामलों में फैसला मुकदमा पूरा होने के 45 दिनों के भीतर आएगा और पहली सुनवाई के 60 दिनों के भीतर आरोप तय किए जाएंगे। दुष्कर्म पीड़िताओं का बयान किसी महिला पुलिस अधिकारी के सामने ही दर्ज किया जाएगा और मेडिकल रिपोर्ट को सात दिनों के भीतर देना होगा। नए कानूनों में संगठित अपराधों और आतंकवादी हमलों के परिभाषण में सुधार किया गया है, और सभी तलाशी और जब्ती की कार्रवाई में अब वीडियोग्राफी कराना अनिवार्य किया गया है।

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खरीद-फरोख में जोड़ा मृत्युदंड या उम्रकैद

बच्चों को खरीदने और बेचने, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों के लिए एक नया अध्याय जोड़ा गया है। किसी भी बच्चे को खरीदना और बेचना जघन्य अपराध माना जाएगा और ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई होगी। नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के लिए मृत्युदंड या उम्रकैद का प्रावधान भी जोड़ा गया है।नए कानूनों में जुड़ा एक और महत्वपूर्ण पहलू है कि गिरफ्तारी की सूरत में व्यक्ति को अपनी पसंद के किसी व्यक्ति को अपनी स्थिति के बारे में सूचित करने का अधिकार दिया गया है। इससे गिरफ्तार व्यक्ति को तुरंत सहायता मिल सकेगी।

90 दिनों के भीतर जानकारी प्राप्त करने का अधिकार

नए कानूनों के तहत, अपराधिक मामलों की जांच में प्राथमिकता दी गई है ताकि दो महीने के भीतर मामले की पूरी जांच की जा सके। पीड़ितों को अपने मामले की प्रगति पर 90 दिनों के भीतर नियमित रूप से जानकारी प्राप्त करने का अधिकार भी होगा।

नए कानूनों में, महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाली अपराधों के लिए विशेष मानदंड और सख्ततम सजा का प्रावधान है। इसमें संज्ञान में लिया गया है कि अगर किसी अपराध में गुनहगार द्वारा खिलाफत की गई हो, तो उसका परिणाम सजा की श्रेणी को बढ़ा सकता है।

इन नए कानूनों को लागू करने के लिए, सरकार ने देश के सभी राज्यों से उन्हें प्रेरित कर रखा है। इससे अपराधियों पर प्रभावी तरीके से कानूनी कार्रवाई किया जा सकेगा और अपराधियों को बरामद करने में अधिक समय नहीं लगेगा।

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