Cyber Crime: धोखाधड़ी के का जाल दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। हाल ही में, राजस्थान के एक किसान कॉल किया गया। जिसमें किसान मंत्रालय का नाम लेकर धोखाधड़ी की गई। राजस्थान के सैकड़ों गांवों के ग्रामीण अब साइबर ठगों का सॉफ्ट टारगेट बन गए हैं। ठग इतने शातिर हैं कि किसान सम्मान निधि जैसी सरकारी स्कीम, पेंसिल पैकिंग, लॉटरी खुलने के झांसे में लेकर ग्रामीणों को ठग रहे हैं। दरअसल, कॉल करके कहा – “नमस्कार, हम किसान मंत्रालय दिल्ली से बोल रहे हैं। आपका नंबर किसान निधि योजना के तहत सिलेक्ट हुआ है। आपको हर साल 6000 रुपए मिलेंगे। अपना नंबर कन्फर्म करने के लिए हम एक लिंक भेज रहे हैं। उस पर क्लिक कर डिटेल भर दो।”
लिंक के बाद क्या हुआ
दरअसल, जोधपुर के किसान बालाराम (40) ने जैसे ही उस लिंक पर क्लिक किया, चंद मिनटों में खाते से करीब 90 हजार रुपए कट गए। बालाराम की तरह अकेले जोधपुर में पिछले 6 महीने में साइबर ठग 800 से ज्यादा ग्रामीण-किसानों को अपना निशाना बना चुके हैं।
साइबर ठगी के मामलों में बढ़ोतरी से पुलिस भी हैरान
राजस्थान गृह विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 1 जनवरी 2021 से 31 दिसंबर 2023 के बीच प्रदेश में साइबर ठगी के कुल 4,567 मामले दर्ज हुए। इनमें जयपुर और जोधपुर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए, जहां जयपुर में 906 और जोधपुर में 516 मामले दर्ज किए गए।
हालांकि, हाल के छह महीनों (1 जनवरी 2024 से 30 जून 2024) में जोधपुर ग्रामीण में साइबर ठगी की 837 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन घटनाओं में ठगी की राशि एक करोड़ रुपए से अधिक है। साइबर सेल ने 20 लाख 31 हजार 576 रुपए पीड़ितों को वापस लौटाए हैं, जबकि 41 लाख 68 हजार 659 रुपए को रोक लिया गया है।
जोधपुर ग्रामीण के एसपी धर्मेंद्र सिंह यादव ने इस स्थिति को चिंताजनक बताया। उन्होंने कहा कि शहरों में साइबर ठगों के खिलाफ जागरूकता बढ़ने के कारण अब ठगों ने ग्रामीण इलाकों और किसानों को अपना निशाना बनाना शुरू कर दिया है। कई रिटायर्ड पुलिसकर्मी भी इन ठगों के शिकार हो चुके हैं।
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साइबर ठगों के नए-नए तरीकों का खुलासा
- किसान को बैंक मैनेजर बनकर ठगने का मामला
7 नवंबर 2023 को जोधपुर के खेड़ापा के किसान जितेंद्र गहलोत के पास एक कॉल आई जिसमें कॉलर ने खुद को बैंक का मैनेजर बताया। उसने कहा कि उसके खाते में एक लाख रुपए डाल रहा है, जिसे गहलोत को एक दूसरे खाते में ट्रांसफर करना है। गहलोत ने बिना चेक किए पैसे ट्रांसफर कर दिए, जबकि वास्तव में उनके खाते में कोई पैसा जमा नहीं हुआ था। - रिटायर्ड पुलिसकर्मी को ठगने का मामला
शिवसागर जेठानिया गांव के रिटायर्ड पुलिसकर्मी खेताराम को ठग ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर ठगा। उसने पेंशन के पैसे की जानकारी लेकर एक लिंक भेजा, जिसके माध्यम से खेताराम के खाते से 64 हजार रुपए निकाल लिए गए। खेताराम ने तुरंत शिकायत दर्ज करवाई, जिससे 55 हजार 500 रुपए वापस मिल गए। - सोशल मीडिया से कमाई का झांसा
बड़ला बासनी के एक युवक को ठगों ने कॉल करके सोशल मीडिया पर ई-होर्डिंग की नौकरी का झांसा दिया। झांसे में आकर युवक ने अपने खाते से 11 हजार 200 रुपए ट्रांसफर कर दिए। बाद में पुलिस ने पैसे वापस करवा दिए। - पेंसिल पैकिंग के नाम पर ठगी
जनवरी 2024 में बिलाड़ा निवासी एक व्यक्ति को ठगों ने पेंसिल पैकिंग का माइक्रो बिजनेस चलाने का झांसा दिया। ठगों ने ओटीपी लेकर खाते से 14 हजार 600 रुपए निकाल लिए। पीड़ित खेतों में मजदूरी करता था। - लॉटरी के नाम पर ठगी
अप्रैल 2024 में ओसियां के युवक राजेंद्र को लकी ड्रा में बुलेट जीतने का झांसा देकर 7700 रुपए ठग लिए गए। इसी तरह, खाबड़ा में एक ट्रक ड्राइवर से ट्रक बुकिंग के नाम पर 9 हजार 500 रुपए ठगे गए। - किसान सम्मान निधि के नाम पर ठगी
1 जुलाई को नागौर के गणेश टेलर को किसान सम्मान निधि योजना का झांसा देकर लिंक भेजा गया। लिंक पर क्लिक करने के बाद उनके खाते से 1 लाख 74 हजार 498 रुपए निकाल लिए गए। - किसान सम्मान निधि योजना के नाम पर 6.10 लाख की ठगी
जयपुर के गोपाल सिंह को किसान सम्मान निधि योजना के नाम पर 21 जुलाई 2022 को ठगों ने 6.10 लाख रुपए ठग लिए।
साइबर ठगों की नई तकनीक
जोधपुर पुलिस के साइबर एक्सपर्ट दयाल सिंह चौहान ने बताया कि ठग अब ओटीपी और पासवर्ड की जगह .apk फाइल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। ये फाइल्स डाउनलोड करने पर एक गुप्त एप्लीकेशन फोन में इंस्टॉल हो जाती है, जिससे ठग फोन को हैक कर लेते हैं और बैंक से पैसे निकाल लेते हैं।
साइबर ठगी से बचाव के उपाय
दयाल सिंह चौहान ने सुझाव दिया कि किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें और सावधानी बरतें। अगर आप साइबर ठगी का शिकार हो जाते हैं, तो तुरंत 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करवाएं।
साइबर ठगों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई
राजस्थान पुलिस ने पिछले तीन वर्षों में 2 लाख 5 हजार 552 फर्जी सिम और 2 लाख 17 हजार 504 आईएमईआई (मोबाइल हैंडसेट) को ब्लॉक किया है। इस दौरान, साइबर ठगों ने प्रदेश में 1 अरब 65 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी की है।
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