EPFO New Update: अगर आप ईपीएफओ कर्मचारी हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम हो सकती है। आपको बता दें कि हाल ही में ईपीएफओ ने कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के तहत पेंशन के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू की है। इस फंड को संभालने वाली संस्था ने कहा था कि कर्मचारी और नियोक्ता दोनों इसके लिए आवेदन कर सकेंगे। वहीं जानकारी के लिए बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में लागू कर्मचारी पेंशन योजना को 2022 में भी जारी रखा था।
इससे पहले 22 अगस्त 2014 के ईपीएस संशोधन ने पेंशन योग्य वेतन सीमा 6500 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 15 हजार रुपये प्रति माह कर दी थी। इसके साथ ही सदस्यों और उनके कर्मचारियों को अपने वेतन का 8.33 प्रतिशत योगदान करने की अनुमति दी गई। लेकिन बोर्ड ने इसे पूरी तरह से खारिज कर दिया। लेकिन काफी कोशिशों के बाद EFFO इस पर राजी हो गया है। जिसके बाद इसी हफ्ते इसका ट्रांसफर किया जा सकता है।
पीएफ अकाउंट में कितना होता है योगदान?
आपको बता दें कि पीएफ खाते में सैलरी और डीए का 12 फीसदी हिस्सा जमा होता है। यह राशि कर्मचारी के नियोक्ता द्वारा जमा की जाती है। रिटायरमेंट पर कर्मचारी फंड की पूरी रकम ब्याज लगाकर मिलती है। वहीं, कर्मचारी के हिस्से का 12 फीसदी हिस्सा सीधे ईपीएफ खाते में जमा होता है। वहीं, नियोक्ता 12 प्रतिशत में से 3.67 प्रतिशत ईपीएफ में जमा करता है और शेष राशि 8.33 प्रतिशत ईपीएस खाते में जमा करता है।
ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध है
ईपीएफओ ने एक कार्यालय आदेश में अपने क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा संयुक्त विकल्प फॉर्म के प्रबंधन के बारे में जानकारी दी है। EPFO ने कहा कि एक सुविधा दी जाएगी। जिसके लिए जल्द ही यूआरएल भी बता दिया जाएगा। इसके बाद क्षेत्रीय पीएफ कमिश्नर सार्वजनिक सूचना के लिए नोटिस बोर्ड और बैनर के माध्यम से जानकारी देंगे। आदेश के मुताबिक सभी आवेदनों का पंजीकरण किया जाएगा। डिजिटल रूप से लॉग इन किया जाएगा और आवेदक को एक रसीद नंबर भी दिया जाएगा। इसमें आगे कहा गया है कि उच्च वेतन पर संयुक्त विकल्प के सभी मामलों की जांच कार्यालय प्रभारी करेंगे। इसके बाद आवेदक को ईमेल और पोस्ट के जरिए और बाद में मैसेज के जरिए अपने फैसले की जानकारी दी जाएगी।