Gorakhpur

Gorakhpur के रामगढ़ ताल में मछलियों की एक बड़ी संख्या मृत्यु का संकेत मिला है। ताल के किनारे पर मरी हुई मछलियां एकत्र हो गईं हैं, जिसने समुदाय में आशंका और चिंता का संदेश दिया है। मछलियों की मृत्यु के पीछे पानी में ऑक्सीजन की कमी का होना संभावित माना जा रहा है।

50 लाख रुपए का हुए नुकसान

इस मामले में मत्स्यजीवी सहकारी समिति तारामंडल रोड, मनहट, गोरखपुर के पदाधिकारियों ने बताया कि ताल में मछलियों की मौत से समिति को लगभग 50 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। वे इसकी जिम्मेदारी बारिश के बाद तेज धूप के चलते ताल के पानी में ऑक्सीजन की कमी होने को मान रहे हैं। इस अवस्था में मछलियों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिला, जिससे उनकी मृत्यु हो गई।

पहले भी हुई मछलियों की मौत

समिति के अध्यक्ष मदन लाल और सचिव बलदेव सिंह ने यह भी बताया कि पहले भी ऐसी स्थिति से ताल में मछलियों की मौत हो चुकी है। इस परिस्थिति में समिति को GDA की ओर से मत्स्यजीवी सहकारी समिति तारामंडल रोड, मनहट, गोरखपुर को 10 साल के लिए ताल में मछली मारने का अधिकार हासिल हुआ है। इसके बदले समिति ने जीडीए को 20 करोड़ से अधिक की धनराशि देने की सहमति दी है।

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कैसे होती है पानी में ही मछलियों की मौत

मछलियों की मृत्यु जल में कई कारणों से हो सकती है, जैसे:

  1. कम ऑक्सीजन स्तर: पानी में घुली हुई ऑक्सीजन की कमी मछलियों को सांस लेने में तकलीफ पहुंचा सकती है और उनकी मृत्यु का कारण बन सकती है।
  2. अधिक अमोनिया या नाइट्राइट स्तर: पानी में अमोनिया या नाइट्राइट के उच्च स्तर मछलियों के लिए विषाक्त हो सकते हैं, जिससे उन्हें तनाव और अंततः मृत्यु हो सकती है।
  3. पीएच असंतुलन: अत्यधिक पीएच स्तर (अत्यधिक अम्लीय या अत्यधिक क्षारीय) मछलियों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं और उनकी मृत्यु का कारण बन सकते हैं।
  4. तापमान की अत्यधिकता: पानी के अचानक तापमान में परिवर्तन, या पानी जो मछलियों की सहनशीलता सीमा से बाहर हो, मछलियों को तनाव में डाल सकते हैं और मृत्यु का कारण बन सकते हैं।
  5. प्रदूषण: रसायनों, भारी धातुओं, कीटनाशकों या जैविक पदार्थ से प्रदूषण मछलियों को विषाक्त कर सकता है और उनके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
  6. रोग या कीट: किरों या कीटों से संक्रमण मछलियों के बीच फैल सकता है, जिससे उन्हें बीमारी और मृत्यु हो सकती है।
  7. अधिक भीड़भाड़: सीमित जगह में अधिक मछलियों की उपस्थिति तनाव, संसाधनों के लिए प्रतिस्पर्धा और रोग प्रकोप का कारण बन सकती है।
  8. प्राकृतिक शत्रुओं का प्रकोप: जलयानी में पाये जाने वाले शिकारी जानवर मछलियों को मार सकते हैं, विशेष रूप से नवजात या कमजोर व्यक्तियों को।
  9. खराब जल गुणवत्ता: समग्र खराब जल गुणवत्ता, जैसे कि धुंधलापन (बादलेदारता), आश्रय की कमी, या अपर्याप्त वातावरणीय शर्तें, मछलियों को तनाव में डाल सकती हैं और उन्हें बीमारी या शिकारी के लिए अत्यधिक संवेदनशील बना सकती हैं।

जल गुणवत्ता का निगरानी करना, उचित आवासीय शर्तें बनाए रखना, और साथ ही धारित मछली पकड़ने के विधि को सुनिश्चित करना, प्राकृतिक और अन्य निर्मित जलमार्गों में स्वस्थ मछली जनसंख्या का समर्थन करने के लिए महत्वपूर्ण है।

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