Gorakhpur: गोरखपुर में बाढ़ की स्थिति हर दिन विकराल रूप लेती जा रही है। पिछले दो हफ्तों से क्षेत्रवासियों को बाढ़ की भीषण स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। नेपाल से छोड़े गए अतिरिक्त पानी के कारण राप्ती नदी का जलस्तर सात दिनों से खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है। इस स्थिति ने कछार क्षेत्र के गांवों में भारी तबाही मचा दी है और स्थानीय लोगों में गहरी चिंता और भय का माहौल पैदा कर दिया है।
राप्ती नदी के बढ़ते जलस्तर के चलते अब तक 55 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से कई गांव पूरी तरह पानी में डूब चुके हैं, जिससे इन गांवों के निवासियों को अपने घर और खेत दोनों ही खोने पड़े हैं। इस आपदा के कारण लगभग 30 हजार लोग प्रभावित हुए हैं। खासकर उन किसानों के लिए यह स्थिति बेहद कठिन है, जिनकी पूरी आजीविका कृषि पर निर्भर करती है।
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आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, शनिवार की शाम 4 बजे राप्ती नदी के जलस्तर में कुछ कमी आई है, लेकिन नदी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर, 75.24 मीटर पर बह रही है। राहत कार्य तेजी से जारी हैं, जिसमें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सभी पीड़ितों को राहत सामग्री और राशन किट वितरित की जा रही हैं।
साथ ही, बाढ़ के बाद जल जनित बीमारियों के प्रकोप से बचाव के लिए चिकित्सा दलों को गांव-गांव भेजा जा रहा है। ये टीमें स्वास्थ्य जांच कर रही हैं और जरूरी चिकित्सा किट प्रदान कर रही हैं, जिससे बाढ़ से उत्पन्न स्वास्थ्य समस्याओं का समय पर उपचार सुनिश्चित किया जा सके। राहत और बचाव कार्यों के तहत प्रभावित लोगों की मदद की जा रही है और उनके स्वास्थ्य की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
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