Gorakhpur AIIMS: गोरखपुर AIIMS से ठगी का मामला सामने आ रहा है। ऐसा पहली बार नहीं है जब गोरखपुर AIIMS से ठगी का मामला लोगों की नजर में आया हो। लेकिन इस बार ये मामला ऑर्थोपेडिक्स डिपार्टमेंट से आया है। जहां इम्प्लांट के नाम पर ठगी का खेल, खेला गया। पीड़ित ने AIIMS पुलिस को इस मामले में शिकायत दर्ज कराई है। उनका दावा है कि ऑर्थोपेडिक्स डिपार्टमेंट के HOD प्रो. अजय भारती ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और भगा देने की धमकी दी। जांच के अभियान की शुरूआत की गई है।
कंधे की हड्डी टूट पर पहुंचे थे AIIMS
दरअसल, महराजगंज जिले के पनियरा के रहने वाले 37 साल के संतोष सिंह एक निजी स्कूल में प्रिंसिपल हैं। 23 अप्रैल को हादसे में उनके कंधे की हड्डी टूट गई। परिजन उन्हें इमरजेंसी में AIIMS लेकर पहुंचे। लेकिन रात में भर्ती होने के बावजूद 4 घंटे तक कोई इलाज नहीं हुआ। अगले दिन हड्डी विभाग में प्रो. अजय भारती को दिखाया गया। उन्होंने बताया कि इम्प्लांट लगेंगे। खर्च पूछने पर 30 हजार रुपए बताया। एक नर्स ने सादे पन्ने पर मोबाइल नंबर लिखकर दिया। उस नंबर पर संपर्क करने पर बताया कि 56800 रुपए लगेंगे। रुपए जमा करने पर उसने मुझे इम्प्लांट न देकर हड्डी रोग विभाग में पहुंचा दिया। आपरेशन के बाद पता चला कि इम्प्लांट बाहर 8 से 10 हजार रुपए में आसानी से मिल जाता है। जब पीड़ित ने विरोध किया तो 50 हजार 4 सौ रुपये का बिल दिया गया। पीड़ित ने कहा कि AIIMS में मेरे साथ ठगी हुई है।
आरोपों से हैरान, क्या है AIIMS में ठगी का मामला
प्रो. अजय भारती खुद ही ऑर्थोपेडिक्स डिपार्टमेंट के HOD और AIIMS के चिकित्सा अधीक्षक हैं। मरीज ने प्रो. अजय भारती पर दुर्व्यवहार का भी आरोप लगाया है। पहले तय हुआ था कि इम्प्लांट अमृत फार्मेसी से लिए जाएंगे, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है। विभाग से एक पर्ची पर मोबाइल नंबर मिलता है। रुपए जमा करने के बाद इम्प्लांट सीधे विभाग में आता है।
वहीं अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई देते हुए प्रो. अजय भारती ने कहा कि संतोष कुमार का 26 अप्रैल को आपरेशन हुआ। उनके बाएं कंधे में इम्प्लांट लगा। इसकी कीमत 50 हजार रुपए से ज्यादा बताई गई थी। प्रो. अजय ने कहा कि एक स्कू 25 सौ से 3 हजार रुपए का होता है। 5700 रुपए वापस किए जाने हैं। 27 अप्रैल को मरीज को रुपए वापस लेने की सूचना दी गई थी। सभी आरोप झूठे हैं। शिकायत की जानकारी मिलने पर मैं खुद हैरान हूं।
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पहले भी इम्प्लांट को लेकर शिकायत
पिछले दिनों स्थायी कमेटी की मीटिंग में पहुंची GSVM मेडिकल कालेज कानपुर की पूर्व प्राचार्य प्रो. आरती लाल चंदानी ने भी इम्प्लांट के नाम पर वसूली को गंभीर मामला बताया था। उन्होंने कहा था कि इम्प्लांट 4-6 हजार रुपए में मिलते हैं। मरीजों को यह वास्तविक दर पर उपलब्ध कराया जाए।
पीड़ित ने लगाया 112 पर फोन
पीड़ित संतोष सिंह ने गुरुवार की शाम डायल 112 पर फोन किया, लेकिन नंबर लग सका। इसके बाद उन्होंने SSP को फोन लगाया। वहां से बताया गया कि AIIMS थाने में जाकर लिखित शिकायत करनी होती है। जिसके बाद शिकायत दर्ज हुआ। मामले की जांच सहायक उपनिरीक्षक दीपशिखा रंजन को दी गई है।