गोरखपुर में मंगलवार को एक शर्मसार करने वाला मामला सामने आया। जहाँ बिहार के नरकटियागंज के एक में रहने वाली एक मां ने अपनी ही बेटियों को गांव के मुखिया को 50-50 हजार में बेच दिया। दोनों मुखिया के घर 3 साल से काम कर रही थीं। अब इसे मां की हैवानियत कहें या गरीबी की मजबूरी? जिसकी वजह से उसने ऐसा किया।
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दोनों बच्चियां किसी तरह भागकर सोमवार रात 9 बजे गोरखपुर में रह रही अपने मौसी के घर पहुंचीं। उनके साथ उन्हीं की तरह शिकार 2 अन्य बच्चियां भी थीं। उन दोनों को भी उनके परिजनों ने मुखिया को बेचा था। यह खबर जब बिहार निवासी उसकी मां को हुई, तो वह भी गोरखपुर पहुंच गई।
उन्हें जबरन ले जाने की कोशिश करने लगी। लेकिन बच्चियां जाने को तैयार नहीं थी, जिसके बाद बच्चियों की मौसी ने इसकी सूचना शाहपुर पुलिस को दी। पुलिस के सामने बच्चियों ने मां की करतूत बताई और साथ जाने से मना कर कर दिया।
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बच्चियों का कहना है कि उनकी मां ने उन्हें 50- 50 हजार रुपए में बेचा था। मुखिया उन्हें मारपीट कर घर का काम कराता था और यातनाएं देता था। हर महीने मां मुखिया के पास आती थी। जिसके बाद मुखिया उनके काम के बदले 5- 5 हजार रुपए मां को दे देता था। बच्चियों ने बताया कि उन्हीं की तरह मुखिया ने 2 और बच्चियों को खरीदा था। वे दोनों भी उनके साथ गोरखपुर आई हैं।
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दोनों बच्चियां बिहार के नरकटियागंज के एक गांव की रहने वाली हैं। उनकी 2 बड़ी बहनें और हैं। पिता की कुछ साल पहले ही मौत हो चुकी है। मां ने बड़ी बेटी की शादी तय की थी। शादी के खर्च के लिए उसने अपनी 2 बेटियों को गांव के मुखिया को बेच दिया था। वहीं, मुखिया के घर उनके साथ बिहार के पश्चिम चंपारण निवासी एक व्यक्ति की 2 बेटियां भी रह रही थीं। मुखिया ने उन्हें भी खरीदा था और काम कराता था।