Gourav Vallabh: गौरव वल्लभ के इस्तीफ देने के बाद ऐसी खबर आई, जिसने कांग्रेस के होश उड़ा दिया। हालांकि इसकी आशंका कांग्रेस को इस्तीफ देते वक्त से ही जाताई जा रही थी कि गौरव भाजपा में शामिल होना का सोच रहे है। जी हां, प्रोफेसर गौरव वल्लभ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गया है। कुछ देर पहले उन्हें भाजपा के मुख्यालय में भी देखा गया था। वहीं, इस राजनीति शिफ्ट से कांग्रेस के लिए लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान से वल्लभ का पलायन बड़े झटके के तौर पर माना जा रहा है।
सबसे बड़ा बात ये है कि महज 2 दिन में कांग्रेस को काफी नुकसान हुआ है। 3 राज्यों में कांग्रेस को 3 बड़े झटके लगे। एक ओर राजस्थान में गौरव वल्लभ भाजपा में शामिल हुए, तो दूसरी ओर बिहार कांग्रेस के दिग्गज शर्मा ने भाजपा का दामन थामा पकड़ लिया। इस बीच महाराष्ट्र के नेता संजय निरुपम ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुआई वाली शिवसेना का दामन थामा।
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दिशाहीन होने का लगाया आरोप
गौरव वल्लभ कहा कि “मैं कांग्रेस पार्टी के दिशाहीन प्रक्षेपवक्र के साथ सहज महसूस नहीं करता हूं। मैं सनातन विरोधी नारों का समर्थन नहीं कर सकता या हमारे देश के धन सृजनकर्ताओं को बदनाम नहीं कर सकता। इसलिए, मैं सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं और अपनी प्राथमिक सदस्यता छोड़ रहा हूं…”
कांग्रेस इसका जवाब क्यों नहीं दे रही थी?
बीजेपी में शामिल होने के बाद गौरव वल्लभ ने कहा कि मैंने सुबह कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पत्र पोस्ट किया। उस पत्र में मैंने अपने दिल की सारी व्यथा लिखी। मेरा शुरू से यही विचार रहा है कि भगवान श्री राम के मंदिर (अयोध्या में) का निर्माण होना चाहिए। एक निमंत्रण मिला और कांग्रेस ने निमंत्रण अस्वीकार कर दिया, मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकता। गठबंधन के नेताओं ने सनातन पर सवाल उठाए, कांग्रेस इसका जवाब क्यों नहीं दे रही थी?
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