K. Suresh

K. Suresh: कोडिकुनिल सुरेश, जिन्हें केरल के राजनेता के रूप में जाना जाता है। यह एक ऐसे उत्कृष्ट व्यक्तित्व हैं जो अपने दृढ़ राजनीतिक स्थान और सेवाभाव से लोकसभा में विशिष्ट पहचान बना चुके हैं। उनकी राजनीतिक यात्रा उनके नेतृत्व और सेवानिष्ठा की कहानी है। जो उन्हें विपक्ष के अध्यक्ष पद के लिए महत्वपूर्ण उम्मीदवार बनाती है।

कौन है कोडिकुनिल सुरेश?

कोडिकुनिल सुरेश एक प्रमुख केरली राजनेता हैं, जो केंद्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में काम कर चुके हैं। उन्होंने केरल की मावेलिक्कारा लोकसभा सीट से बार-बार चुनाव जीतकर देश की राजनीतिक स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। 1989 में उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव जीता और तब से वे सत्ता में रहे हैं। उन्होंने यूपीए सरकार में मंत्री के रूप में कार्य किया और मनमोहन सिंह की सरकार में केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री के तौर पर भी योगदान दिया।

बता दें कि कोडिकुनिल सुरेश का जन्म केरल के कोटयम जिले में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई कोटयम में पूरी की और बाद में राजनीति में कदम रखा। 1989 में वे कोटयम से लोकसभा चुनाव जीतकर पहली बार सांसद बने और तब से राजनीतिक संसद में अपनी मुकाम पर बनाए रखे।

8 बार रहें सांसद

हालांकि, सुरेश 8 बार चुनाव जीतकर संसद भवन पहुंचे हैं। 1989 में वो पहली बार चुनाव जीते थे और सांसद बने थे। यूपीए सरकार में वो मंत्री भी रहे। मनमोहन सरकार में के. सुरेश को केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री बनाया गया था। वो 2012 से लेकर 2014 तक राज्य मंत्री रहे। 2018 में उन्हें केरल कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया। के. सुरेश अबतक मावेलिक्कारा लोकसभा सीट से चार बार चुनाव जीते हैं और चार बार अदूर सीट से भी प्रतिनिधित्व किया है। हालांकि सुरेश को दो बार चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। 1998 और 2004 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

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लोकसभा के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन

वर्तमान में, उन्होंने लोकसभा के अध्यक्ष पद के लिए विपक्ष की ओर से नामांकन दाखिल किया है, जबकि पिछले लोकसभा में निचले सदन के अध्यक्ष रहे ओम बिरला ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर इस पद के लिए नामांकन दाखिल किया था।

अध्यक्ष पद के चुनाव 26 जून को होंगे, जो 72 साल के इतिहास में पहली बार है। इस संदर्भ में, राष्ट्रीय राजनीतिक मंच पर चर्चा है कि कैसे इस अवसर को निर्णायक बनाया जाए।

पक्ष-विपक्ष आमने-सामने

लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए सरकार और विपक्ष के बीच सहमति नहीं बन सकी है। कांग्रेस के संगठन महासचिव के. सी वेणुगोपाल और द्रमुक नेता टीआर बालू लोकसभा अध्यक्ष के पद के लिए राजग उम्मीदवार का समर्थन करने से इनकार किया। साथ ही, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कार्यालय से बाहर आ गए। वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि सरकार ने उपाध्यक्ष पद विपक्ष को देने की प्रतिबद्धता नहीं जताई। इससे पहले, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि लोकसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दिए जाने की परंपरा रही है और यदि नरेंद्र मोदी सरकार इस परंपरा का पालन करती है तो पूरा विपक्ष सदन के अध्यक्ष के चुनाव में सरकार का समर्थन करेगा।

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