Kidney’s Stone: आपके आसपास ऐसे कई लोग होंगे, जो किडनी की पथरी की समस्या से जूझ रहे होंगे। ऐसे में कई बार आपके मन में सवाल आता होगा कि आखिर किडनी में पथरी क्यों बनती है? हमारे शरीर में किडनी की पथरी तब बनती है जब कैल्शियम, ऑक्सालेट, और यूरिक एसिड जैसे अपशिष्ट पदार्थ शरीर से बाहर नहीं निकल पाते और पथरी का रूप ले लेते हैं। ध्यान ना देने पर ये समस्या बड़ी होती चली जाती है और पेशाब के दौरान जलन, पेट में भीषण दर्द, और पीठ के बीच शरीर के एक तरफ दर्द, जैसी दिक्कतें शुरू हो जाती हैं। किडनी की पथरी के लिए बाजार में कई तरह की दवाएं और उपचार मौजूद हैं। आयुर्वेद में ऐसी कई जड़ी-बूटियां का उल्लेख मिलता है, जो पत्थरी को शरीर से बाहर निकाल सकती हैं।
आयुर्वेद में पत्थरचट्टा के पत्ते को लाभकारी माना जाता है। इसका उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में जड़ी-बूटी के रूप में किया जाता है। किडनी की पथरी के इलाज में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इस जड़ी-बूटी में ऐसे औषधीय गुण होते हैं जो पथरी को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ कर मूत्र मार्ग से बाहर निकालने की क्षमता रखते हैं। पत्थरचट्टा को पाषाणभेद भी कहा जाता है।
आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी पुनर्नवा भी किडनी की पथरी निकालने में मददगार मानी जाती है। इसमें यूरिन का फ्लो बढ़ाने वाला खास गुण होता है, जिससे शरीर से जहरीले तत्व आसानी से बाहर निकलते हैं और किडनी अच्छी तरह काम करती है। हृदय से जुड़े कई प्रकार के रोगों से बचाए रखने के लिए भी पुनर्नवा का सेवन आपको सकारात्मक लाभ पहुंचा सकता है।
अश्वगंधा की जड़ें पथरी के दर्द को कम करने के लिए जानी जाती हैं। माना जाता है कि अगर अश्वगंधा की जड़ों के रस को आंवला के जूस के साथ मिलाकर पिया जाए तो किडनी टूट कर शरीर से बाहर निकालने की मदद होती है। इसके सेवन से मूत्राशय और मूत्र मार्ग में होने वाली जलन की समस्या भी कम हो जाती है और इंसान राहत की सांस लेता है।
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