Kitchen Budget: बदलते मौसम से लोगों को केवल आने-जाने में ही परेशानी नहीं होती बल्कि हरी सब्जियों पर भी काफी असर पड़ता है। लेकिन अब भरी सब्जियों के बाद चने की दाल, जीरा और हल्दी के भी भाव में बढ़त देखने को मिल रही हैं। ऐसे में लोगों के किचन पर बजट का बिगड़ने वाला है। दरअसल, जब बारिश के मौसम में सब्जियों के दम बढ़ जाते है तो लोग दाल, छोले, राजमा जैसी चीजों पर शिफ्ट हो जाते है लेकिन जब इन सभी के दाम बढ़ जाए तो फिर क्या करें। तो आइए जानते है कि आम आदमी की जेब पर कितना असर पड़ेगा।
चने दाल का भाव
कारोबारियों का कहना है कि हर साल जुलाई और अगस्त में चने के रेट बढ़ते हैं। दरअसल, चने की फसल हर साल मार्च और अप्रैल में कटती है। उस समय नई फसल आने से शुरुआत में इसका भाव कम होता है। लेकिन बाद में धीरे-धीरे यह चढ़ने लगता है। गौरतलब है कि चने की पैदावार मध्य प्रदेश, हरियाणा समेत कई राज्यों में होती है। जिसके कारण स्थिति यह है कि सबसे सस्ती मिलने वाली चने की दाल भी 120 रुपये किलो तक पहुंच गई है।
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अरहर छुआ आसमान
इन दिनों अरहर की दाल की कीमत लगभग 200 रुपये प्रति किलो है। हालांकि, इसके रेट कई दिनों से स्थिर हैं। लेकिन चने की दाल के भाव बढ़ रहे हैं। पिछले महीने तक 100 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिकने वाली चने की दाल की कीमत अब 115 से 120 रुपये हो गई है।
हल्दी और जीरे की कीमत में भी बढ़ोतरी
अनाज के अलावा मसाला की कीमतों में भी बढ़ देखने को मिल रही है। कारोबारी रविंद्र अग्रवाल ने बताया कि कि इस बार हल्दी की पैदावार कम हुई है। इसकी वजह से हल्दी की कीमत ज्यादा है। पिछले साल थोक मार्केट में हल्दी की कीमत करीब 80 रुपये प्रति किलो थी, लेकिन इस समय इसकी कीमत थोक बाजार में 170 रुपये तक पहुंच गई है। वहीं, पिछले कुछ दिनों में ही जीरा के रेट में 20 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी हुई। थोक बाजार में इसकी कीमत लगभग 320 रुपये प्रति किलो है। इसी के साथ बड़ी इलायची और दालचीनी के दाम में भी बढ़ोतरी हुई है। अनुमान है कि आने वाले दिनों में लाल मिर्च के दाम भी बढ़ सकते हैं।
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