Lok Sabha Election: यूपी के गोरखपुर में अंतिम यानी सातवें चरण में 1 जून को मतदान होगा। आखिरी चरण के लिए 7 मई से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। गोरखपुर, बांसगांव और महराजगंज लोकसभा क्षेत्र में नामांकन की तिथि सभी पार्टियों ने निर्धारित कर दी है। गौरतलब है कि भाजपा की ओर से सांसद रवि किशन का नाम प्रत्याशी के लिए आगे बढ़ाया गया है। वह 7 मई को नामांकन करेंगे। वहीं, गठबंधन से सपा प्रत्याशी काजल निषाद 10 मई को नामांकन दाखिल करेंगी। दोनों के बीज इस सीट के लिए अभी से घमासान मच गया है। इस दौरान कमलेश पासवाल और केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी भी अपना नामांकन करेंगे।
आदित्यनाथ होंगे नामांकन में शामिल
नामांकन की बात गोरखपुर के सांसद बीजेपी प्रत्याशी रवि किशन और गठबंधन से सपा प्रत्याशी काजल निषाद दोनों ने इसकी पुष्टि की है। कलेक्ट्रेट परिसर स्थित आरओ/जिलाधिकारी के कोर्ट में नामांकन दाखिल होगा। बताया जा रहा है कि रवि किशन के नामांकन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल होंगे। चुनाव के दौरान सभा और रोड शो भी होगा। वहीं, काजल निषाद के चुनाव प्रचार में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आ सकते हैं। उम्मीद है कि वे चुनावी रथ लेकर गोरखपुर के लोगों के बीच काजल के प्रचार के लिए पहुंचेंगे।
काजल निषाद कहा.. रवि किशन तो सिर्फ फिल्मों में बहुरिया..
बीजेपी प्रत्याशी रवि किशन का कहना है कि 400 पार इस बार जनता पहुंचा रही है। हर कोई निकल रहा है। ऐसे प्रधानमंत्री को देखने के लिए जिनके साथ भारत महान बनेगा। बीजेपी की 4 जून को ऐतिहासिक जीत होगी। भारत महान बनने के नए पायदान पर खड़ा होगा। उनके नामांकन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आएंगे।
इसपर गठबंधन से सपा प्रत्याशी काजल निषाद कहती हैं कि, बहुत अच्छी तैयारी चल रही है। वे जनता से अपील करती हैं कि उनके नामांकन में जरूर आएं। उनकी तबीयत में काफी सुधार है। वे प्रचार के लिए निकल रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मुकाबला इसलिए कड़ा है। क्योंकि जनता वर्सेज सत्ता का मुकाबला है। वे निमित्त मात्र हैं। वे लगातार लोगों के बीच बनी हुई हैं। वे यहां की बहुरिया हैं। रवि किशन तो सिर्फ फिल्मों में बहुरिया बनते हैं। वे कहती हैं कि कुछ दिनों से सेहत खराब थी। बाज के न उड़ने से आसमान कबूतरों का नहीं हो जाता है। वे फिर से दमदारी के साथ वापस आ गई हैं। जब तक जीतेंगी नहीं तब तक हार नहीं मानेंगी।
गोरखपुर का जातीय समीकरण
गोरखपुर मंडल की गोरखपुर सदर लोकसभा सीट की बात करें, तो यहां सवर्ण 6 लाख, मुसलमान करीब 2.02 लाख, निषाद तीन से 3.50 लाख, यादव 2.40 लाख, दलित 2.54 लाख वोटर हैं।
गोरखपुर के वोटर की कुल गिनती
गोरखपुर सदर लोकसभा क्षेत्र में कुल वोटर 20 लाख 74 हजार 554 हैं। जबकि, पुरुष वोटरों की संख्या 11,12,023 है। वहीं, महिला वोटरों की संख्या 9,62,531 है। गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता 4,68209 है। गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता 4,22,038 हैं। सहजनवा विधानसभा क्षेत्र में कुल 3,82,853 मतदाता हैं। पिपराइच विधानसभा क्षेत्र में कुल 4,10,764 मतदाता हैं। कैंपियरगंज विधानसभा क्षेत्र में कुल 3,90,881 मतदाता हैं।
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गोरखपुर सीट का इतिहास
- गोरखपुर लोकसभा सीट का इतिहास 1952 में शुरू हुआ।
- 1952, 57 और 62 में लोकसभा चुनाव में यह सीट कांग्रेस के खाते में रही।
- 1967 में महंत दिग्विजयनाथ ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
- 1970 में महंत अवेद्यनाथ ने उपचुनाव में जीत हासिल की।
- 1971 में कांग्रेस के नरसिंह नारायण पांडे ने जीत हासिल की।
- 1977 और 80 में हरिकेश बहादुर ने जनता पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की।
- 1984 में मदन पांडे फिर बार चुनाव जीते।
- 1989, 91 और 96 में महंत अवेद्यनाथ ने हिंदू महासभा, निर्दल और भाजपा के रूप में जीत हासिल की।
- 1998, 99, 2004, 2009 और 2014 में योगी आदित्यनाथ ने पांच बार जीत हासिल की।
- 2018 में प्रवीण निषाद ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की।
- 2019 में रवि किशन शुक्ला ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।