Maharashtra Khichdi Scam: महाराष्ट्र में हुए कथित खिचड़ी घोटाले ने प्रदेश की सियासत को हिलाकर रख दिया। इस मामले की ED जांच कर रही है। उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना(UBT) के उत्तर पश्चिम मुंबई के उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर को सोमवार को ED ने पूछताछ के लिए बुलाया। इसी बीच कांग्रेस से निष्कासित नेता संजय निरुपम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़ा खुलासा किया। जिसमें उन्होंने शिवसेना नेता संजय राऊत को खिचड़ी घोटाले के किंगपिन बताया है। लेकिन ये खिचड़ी घोटाला क्या है? आखिर क्या है संजय निरुपम का दावा?
यह भी पढ़े: Fire on wheat field: किसानों पर बरसा आग की कहर, कहीं 25 तो कहीं 60 बीघा जलकर खाक़
क्या है खिचड़ी घोटाला?
देश में साल 2020 में जब कोरोना महामारी का दौर चल रहा था तब BMC यानी बृहन्मुंबई महानगर पालिका (Brihanmumbai Municipal Corporation-BMC) ने संकट में फंसे प्रवासी मजदूरों को खिचड़ी बांटने का फैसला किया था। इस मामले में जांच एजेंसी ने ये दावा किया है कि, ‘खिचड़ी के पैकेट की आपूर्ति के लिए बृहन्मुंबई महानगर पालिका ने ‘फोर्स वन मल्टी सर्विसेज’ को खिचड़ी आपूर्ति का ठेका दिया गया था। उसके बैंक खाते में 8 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर की गई थी। जांच एजेंसी का ये आरोप है कि, खिचड़ी की तैयारी और वितरण में कंपनियों के आवंटन और अनुबंधों में अनियमितताएं पाई गई है।
यह भी पढ़े: India-Maldives: मरियम शिउना ने फिर दी विवादित टिप्पणी, तिरंगे का किया अपमान, अब भारत के घेरे में
प्रवासी मजदूरों को खिचड़ी बांटने का फैसले में तय हुआ था कि जो 5,000 हजार से अधिक फूड पैकेट बना सकता है उसे कांट्रैक्ट दिया जाएगा। इसमें तय हुआ था कि कॉन्ट्रैक्ट चैरिटेबल ऑर्गनाइजेशन, एनजीओ और कम्युनिटी किचन को दिए जाएंगे, इसमें एक शर्त रखी गई थी कि खिचड़ी बांटने का लाइसेंस उसी को मिलेगा। जिसके पास किचन और स्वास्थ्य विभाग का प्रमाणपत्र होगा।
संजय निरुपम ने क्या लगाया आरोप
बीजेपी नेता संजय निरुपम ने उद्धव गुट के सांसद संजय राउत निशाना साधते हुए कहा, “पश्चिम के शिवसेना उम्मीदवार खिचड़ी चोर को ED ने बुलाया है। खिचड़ी चोर के खिलाफ करवाई होनी चाहिए। खिचड़ी चोर का असली मास्टरमाइंड कोई दूसरा व्यक्ति है।” आगे यह भी कहा कहा कि मुझे दुख है कि मैं अपने दोस्त के बारे में कुछ कहने जा रहा हूं। संजय राउत खिचड़ी घोटाले का असली मास्टरमाइंड है। संजय राउत को पता भी नहीं होगा कि सह्याद्री रिफ्रेशमेंट क्या है। संजय राउत ने अपने बेटी के नाम पर रिश्वत ली है। सह्याद्री रिफ्रेशमेंट नाम की कंपनी से चेक के जरिए रिश्वत लिया गया है।”
यह भी पढ़े: Arvind Kejriwal Plea: क्या केजरीवाल के लिए खुलेंगे तिहाड़ का ताला? गिरफ्तारी के टाइमिंग पर उठाए सवाल
इतना ही नहीं, संजय राउत, अमोल कीर्तिकर समेत ठाकरे गुट पर हमला किया। ईडी ने जांच के लिए ठाकरे ग्रुप के नेता अमोल कीर्तिकर को समन भेजा है। निरुपम ने अमोल कीर्तिकर तो खिचड़ी चोर हैं ही, संजय राउत भी खिचड़ी चोर कहा हैं। सह्याद्रि रिफ्रेशमेंट ने बहुत बड़ा घोटाला किया है। ये सब तब हो रहा था जब तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे फेसबुक लाइव कर रहे थे। संजय राउत के खिलाफ केस दर्ज होना चाहिए, तब पता चलेगा कि आप मुंबई के मराठी लोगों के खिलाफ राजनीति कर रहे हैं. अमोल कीर्तिकर तो खिचड़ी चोर हैं ही, उन्हें नॉमिनेट करने वाले भी खिचड़ी चोर हैं।”
यह भी पढ़े: Mukhtar Ansari के बाद क्या बदल पायेगा उत्तर प्रदेश की सियासत, जानें कहां-कहां है अंसारी के परिवार की पकड़