देवरिया जिले के खुखुंदू गांव में एक 33 वर्षीय युवक ने शनिवार की देर रात अपने कमरे में पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर लिया। वह नशे का आदि था। ढाई महीने पहले नशे की हालत में ही उसने पत्नी की जमकर पिटाई कर दी थी। काफी चोट लगने से पत्नी मायके चली गई। इसके बाद मृतक मानसिक तनाव में था। उधर, सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घटना के बाद पत्नी और बच्चे बदहवास हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक, जितेंद्र कुमार शर्मा (33) पुत्र चोकट शर्मा पोलदारी का काम करता था। वह नशे का आदि था। नशे की हालत में अक्सर पत्नी रिंकू देवी और बच्चों को मारता- पिटता था। घरवालों के मुताबिक तकरीबन ढाई माह पहले जितेंद्र शराब पीकर घर पहुंचा और पत्नी रिंकू की बेरहमी से पिटाई कर दी। जिससे वह काफी चोटिल हो गई। जितेंद्र उसका इलाज नहीं करा रहा था। इसके बाद मायके वाले रिंकू को बुला लिए। वह बच्चों के साथ मायके चली गयी और वहीं रह रही थी।
नशेड़ी होने के बावजूद भी जितेंद्र पत्नी और बच्चों से बहुत ही लाड-प्यार करता था। नशा उतरते ही वह सबसे पहले पत्नी और बच्चों को ही ढूंढ़ता था। घटना से पहले सुबह में ही उसने पत्नी रिंकू से काफी देर तक मोबाइल पर बात की और कहा कि काम पर जा रहा हूं। राशन भर ले रहा हूं। इसके बाद तुम बच्चों को लेकर आ जाओ और फिर मुझे छोड़कर मत जाना। मगर होनी को कुछ और ही मंजूर था। आखिरकार मानसिक तनाव और नशे के चलते उसने आत्महत्या कर लिया।
रक्षाबंधन पर्व पर एक दिन के लिए रिंकू ससुराल आई और फिर चली गई। हालांकि रिंकू कुछ दिनों बाद पति जितेंद्र से मोबाइल फोन पर बात करने लगी। घटना के दिन भी दोनों से बातचीत हुई थी। रात को रिंकू फिर से बात करने के लिए फोन करने लगी। लेकिन जितेंद्र का फोन नहीं उठा। फिर उसने पड़ोसी के नंबर पर फोन कर देखने के लिए कहा।
इस दौरान पता चला कि जितेंद्र अपने कमरे की कुंडी अंदर से बंद कर रखा है। अनहोनी की आशंका पर ससुराल वाले यहां पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने कुंडी तोड़कर शव को फंदे से नीचे उतरवाया। एसओ नवीन चौधरी का कहना है कि पत्नी से अनबन होने से मानसिक तनाव में आकर युवक ने आत्महत्या किया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
जितेंद्र कुमार शर्मा के तीन बच्चे अजीत (09), शिवम (07), मृत्युंजय (05) हैं। वह नशे की हालत में पत्नी की पिटाई तो कर दिया था। मगर जब पत्नी मायके चली गई तब से वह काफी तनाव में रह रहा था। लेकिन फिर भी मोबाइल फोन से वह रोजाना शाम को रिंकू से बातचीत करता रहता था। दो- तीन दिन से जब भी वह बात करता था तो रिंकू को घर आने के लिए बोलता था, साथ ही यह भी कहता था कि बच्चों को लेकर आ जाओ अब नहीं मारेगें।
रिंकू का कहना है कि मैं बोली थी ठीक है, मारेंगे नहीं तो आ जाउंगी। बातचीत के मुताबिक रविवार को ही रिंकू बच्चों के साथ आने वाली थी। मगर नियति को कुछ और ही मंजूर था। घटना के बाद मां ज्योति देवी, पिता चोकट, पत्नी रिंकू और बच्चे बदहवास हैं। रिंकू को अब बच्चों की परवरिश की चिंता सता रही हैं।