NEET UG 2024: नीट (नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट) के परिणाम ने देशभर के छात्रों को उलझन में डाल दिया है। छात्रों और उनके माता-पिता की मांग है कि रिजल्ट रद्द किया जाए या फिर से नीट आयोजित हो। ऑल इंडिया रैंक में 67 छात्रों का एक ही सेंटर से टॉप करना, ग्रेस मार्क्स का मुद्दा और पहले पेपर लीक जैसी घटनाओं ने नैशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को सवालों के घेरे में ला दिया है। जिनका रिजल्ट अच्छा आया है, वे फिर से परीक्षा देने की चिंता में हैं। कानपुर, लखनऊ, नोएडा सहित कई शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं और आने वाले दिनों में दिल्ली में भी प्रदर्शन की योजना है।
एनएसयूआई की जांच की मांग
शुक्रवार को कांग्रेस की नेशनल स्टूडेंट्स विंग ऑफ इंडिया (NSUI) ने नीट को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार ने कहा कि छात्रों में आत्महत्या की घटनाएं बढ़ रही हैं। 600 अंक लाने के बाद भी छात्र असमंजस में हैं कि उन्हें सीट मिलेगी या नहीं। एनटीए के नीट घोटाले की जांच सर्वोच्च न्यायिक अधिकारियों से करवाई जानी चाहिए और प्रभावित छात्रों को उचित न्याय मिलना चाहिए। परीक्षा फिर से आयोजित करने की भी मांग की जा रही है। एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने कहा कि नीट परीक्षा के पैटर्न के अनुसार, 719 या 718 अंक हासिल करना असंभव लगता है, फिर भी यह स्कोर एनटीए के स्कोरकार्ड पर दिख रहे हैं। यह संभावित हेरफेर या विसंगतियों की ओर संकेत करता है। एक ही सेंटर से 6 टॉपर्स का होना भी संदेहास्पद है और इसकी जांच होनी चाहिए।
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NTA को खत्म करने की मांग
इसके अलावा, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स असोसिएशन (AISA) भी 10 जून को शिक्षा मंत्रालय के सामने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को खत्म करने की मांग करेगा। दिल्ली के छात्र निमय रस्तोगी, जिन्होंने नीट में 720 में से 714 अंक हासिल किए हैं और रैंक 254 है, कहते हैं कि उनका स्कोर अच्छा था, लेकिन रैंक अपेक्षानुसार नहीं थी। उन्होंने दो साल तक नीट की तैयारी की थी और परिणाम चौंकाने वाले थे। पेपर पिछले साल की तुलना में आसान था, लेकिन इतने ज्यादा टॉपर्स होने की उम्मीद नहीं थी। अगर फिर से परीक्षा होती है तो छात्रों को कड़ी मेहनत के साथ मानसिक तनाव से भी गुजरना पड़ेगा। सोशल मीडिया पर भी नीट रिजल्ट को लेकर कई छात्र विरोध जता रहे हैं और नीट को फिर से आयोजित करने की मांग कर रहे हैं।
एनटीए का पेपर लीक से इनकार
एनटीए अधिकारियों ने पेपर लीक के आरोपों को खारिज कर दिया है। ग्रेस मार्क्स के बारे में एनटीए ने बताया कि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और छत्तीसगढ़ के कुछ छात्रों ने समय बर्बाद होने की शिकायत हाई कोर्ट में की थी, जिसके बाद ग्रेस मार्क्स दिए गए। टॉप रैंक में 67 छात्रों के सवाल पर एनटीए का कहना है कि इस बार पेपर आसान था। पिछले महीने नीट एंट्रेंस हुआ था, जिसमें 23 लाख छात्रों ने पंजीकरण किया था।
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