Nudity on Social Media

Nudity on Social Media: जीवन का चरमसुख अब फॉलोअर्स पाने और कमेंट आने पर निर्भर हो गया है। फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर नग्न अवस्था में तस्वीरें शेयर कर आज लड़कियां लाइक कमेंट पाकर खुद को अनुगृहित करती दिखाई देती है मानो जीवन की सबसे अहम और जरूरी ऊंचाई को उन्होंने पा लिया हो। इस नग्नता को हम आधुनिकता के इस दौर में न्यू फैशन कहते हैं। सोशल मीडिया पर फैशन की उबाल आई तो सोशल नेटवर्क पर युवा पीढ़ी ने खुद को खूबसूरत युवतियों से पीछे पाया, फिर क्या युवकों ने खुद की नग्नता का नंगा नाच शुरू किया कहा मैं पीछे कैसे ? युवा अपने यौवन को दिखाते घूम रहे हैं मैं किसी से कम नहीं। पहले के जमाने में बड़े बुजुर्ग इस तरह की हरकतों पर नकेल कसते थे। खैर जमाना आधुनिक है इस लिए समाज इसे स्वीकारता और आनंदित होता है। ऐसे बिगड़ैल यूट्यूबर के इंटरव्यूज होना और भी अचरज की बात है।सोशल मीडिया पर आजकल जो ये फॉलोवर बढ़ाने के लिए जो नग्नता परोसी जा रही है। क्या उसमें परोसने वाले ही दोषी हैं? क्या उसको लाइक और शेयर करने वाले दोषी नहीं हैं ? मेरे हिसाब से तो वो ज्यादा दोषी हैं। अगर हम ऐसी पोस्ट या वीडियो को लाइक शेयर करना ही बंद कर दें तो क्या ये बंद नहीं हो सकता ?

-प्रियंका सौरभ

पूरा देश नग्नता के लिए फिल्मों को दोष देता है परंतु आज सोशल मीडिया (सामाजिक पटल) पर इतनी भयंकर नग्नता है कि हमारी जो भारतीय फिल्में को भी शर्म आ जाए। आज कोई भी सोशल प्लेटफार्म अछूता नहीं है फूहड़पन और नग्नता से। सोशल मीडिया के अंधे दौर में कुछ लाइक और व्यू पाने के लिए हमारे समाज की नारियों को कैसे लक्षित किया जा रहा है और उन्हें नग्नता परोसना पड़ रहा है। और वो लाइक और व्यू के आसमान में उड़ने के लिए नग्नता परोस स्वयं के मान सम्मान स्वाभिमान का सौदा आसानी से कर रही है।

यह भी पढ़ें: Sri Lanka में राजनीतिक बदलाव से भारत की चिंताएँ

कुछ चप्पल छाप यूट्यूबर्स लोग केवल व्यू पाने के लिए हमारी आस्था पर इस तरह के अश्लीलता वाले थम्बनेल लगाते हैं। किससे क्या कहें? जीवन का चरमसुख अब फॉलोअर्स पाने और कमेंट आने पर निर्भर हो गया है। फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर नग्न अवस्था में तस्वीरें शेयर कर आज लड़कियां लाइक कमेंट पाकर खुद को अनुगृहित करती दिखाई देती है, मानो जीवन की सबसे अहम और जरूरी ऊंचाई को उन्होंने पा लिया हो।

इस नग्नता को हम आधुनिकता के इस दौर में न्यू फैशन कहते हैं। सोशल मीडिया पर फैशन की उबाल आई तो सोशल नेटवर्क पर युवा पीढ़ी ने खुद को खूबसूरत युवतियों से पीछे पाया, फिर क्या युवकों ने खुद की नग्नता का नंगा नाच शुरू किया और कहा, मैं पीछे कैसे ? युवा अपने यौवन को दिखाते घूम रहे हैं मैं किसी से कम नहीं। ऐसे बिगड़ैल यूट्यूबर के इंटरव्यूज होना और भी अचरज की बात है। पहले के जमाने में बड़े बुजुर्ग इस तरह की हरकतों पर नकेल कसते थे। खैर जमाना आधुनिक है इस लिए समाज इसे स्वीकारता और आनंदित होता है।

पर ये बहुत ही गम्भीरता से सोचने का विषय है – हमारे घरों के छोटे-छोटे बच्चे किस दिशा में जा रहे हैं। माता-पिता क्यों जानबूझ कर अनदेखा कर रहें हैं? क्यों नहीं अपने बच्चों को टाईम और संस्कार देना चाहते हैं? क्यों अपने हाथो अपने बच्चो को दलदल में धकेल रहें हैं। आजकल के माता-पिता बहुत ज्यादा मार्डन है और उन्हें नंगापन, बॉयफ्रेंड और मार्डन परिवेश बेहद आकर्षित करती है। ये आने वाली पीढ़ी और समाज के लिए घातक सिद्ध होगा। टीनएजर लड़कियों की मनःस्थिति को अपने खास मकसद के मुताबिक ढाला जा रहा है।

यह भी पढ़ें: Child pornography: नहीं तनिक भी माफ़ी, केवल कानून से नहीं रुकेगा बाल यौन शोषण

अब तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मस आभासी नग्नता के अड्डे बने हुए हैं। वल्गर रील्स और वीडियोस तो अब हर घर के टीनेजरस बना ही रहे हैं। अब तो ऐसा महसूस होने लगा है कि वैश्यावृति के अड्डे भी नये विकल्पों के साथ हवस परस्त मर्दो के लिए उपलब्ध हो गए हैं। सोशल मीडिया पर आजकल जो ये फॉलोवर बढ़ाने के लिए जो नग्नता परोसी जा रही है। क्या उसमें परोसने वाले ही दोषी हैं? क्या उसको लाइक और शेयर करने वाले दोषी नहीं हैं ? मेरे हिसाब से तो वो ज्यादा दोषी हैं। अगर हम ऐसी पोस्ट या वीडियो को लाइक शेयर करना ही बंद कर दें तो क्या ये बंद नहीं हो सकता ?

आज सामाजिक विकार अपने सफर के सफलतम पड़ाव में है। रोकथाम की कोई गुंजाइश नही है। अब तो प्रलय ही इसकी गति को रोक सकती है। सोशल मीडिया में रील्स पर नग्न और अश्लील नृत्य की नौटंकी करने वाली बेटियों से निवेदन है कि चंद काग़ज़ के टुकड़ों के लिए अपने परिवार और धर्म की इज्जत तार-तार ना करो। पैसे आपको आज नृत्य के लिए नही अपितु नग्नता परोसने के लिए दिए जा रहे है ताकि पूरे समाज को एक दिन रसातल में धकेल कर नीचा दिखाया जा सके।

हमारी संस्कृति ही नहीं बचेगी तो तो हमारे राष्ट्र का और आने वाली पीढ़ियों का दुर्गुणों से विनाश होने से कोई बचा नहीं सकता है। अभी समझे कि संस्कृति क्या है और इसे बचाना क्यों जरूरी है। यह हमारे राष्ट्र का स्वाभिमान है। हमें चाहिए अश्लीलता और नग्नता मुक्त समाज अपनी नष्ट हो रहे सभ्यता और संस्कृति की रक्षा करें। बॉलीवुड की अश्लीलता, नग्नता और गाली गलौज से भरी फिल्मों और वेब सीरीज का बहिष्कार करें।

अश्लील गाना एवं अश्लील फिल्मों का बहिष्कार करें। सोशल मीडिया में ट्वीटर, फेसबुक आदि ऐसे प्लेटफार्म हैं जिसके माध्यम से लोग अपने विचार, अभिव्यक्ति के साथ किसी महत्वपूर्ण जानकारी का प्रेषण करते हैं। किन्तु वर्तमान में इन प्लेटफार्मो मे अश्लील,आपत्तिजनक व नग्नता पूर्ण मैसेज व विज्ञापन की भरभार होने के साथ जुए जैसे खेलों को खेलने के लिए प्रोत्साहित कर सामाजिक प्रदूषण फैलाया जा रहा है। हमारे नौनिहाल, बहन बेटी भी इन प्लेटफार्मो का बहुतायत उपयोग करते है। इस प्रदूषण पर अंकुश लगवाने के लिए सभी को सोचना होगा और खुद पहल करनी होगी। आज चेतना चाहिए नहीं तो कल रास्तों में होगा नंगा नाच। आप देश का भविष्य हो, कठपुतली मत बनो।

यह भी पढ़ें: False Promises: चुनावों में डिजिटल अभियान, झूठे-सच्चे वादों का ऐलान

स्वच्छंदता के नाम पर फूहड़ता सोशल मीडिया के इस दौर में अपने चरम पर है। हमारी संस्कृति में स्त्री को धन की संज्ञा से नवाजा गया वो भी बहुमूल्य न कि टके बराबर। इसलिए राजदरबारो में होने वाले मुजरे भी चारदीवारो के अंदर ही होते थे। सत्य यह है की अश्लीलता को किसी भी दृष्टिकोण से सही नहीं ठहराया जा सकता। ये कम उम्र के बच्चों को यौन अपराधों की तरफ ले जाने वाली एक नशे की दुकान है और इसका उत्पादन आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म स्त्री समुदाय के साथ मिलकर कर रहा है। मस्तिष्क विज्ञान के अनुसार 4 तरह के नशों में एक नशा अश्लीलता से भी है।

आचार्य कौटिल्य ने चाणक्य सूत्र में वासना’ को सबसे बड़ा नशा और बीमारी बताया है। यदि यह नग्नता आधुनिकता का प्रतीक है तो फिर पूरा नग्न होकर स्त्रियां पूर्ण आधुनिकता का परिचय क्यों नहीं देती? गली- गली और हर मोहल्ले में जिस तरह शराब की दुकान खोल देने पर बच्चों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है उसी तरह अश्लीलता समाज में यौन अपराधों को जन्म देती है। इसको किसी भी तरह उचित नहीं ठहराया जा सकता है। विचार करिए और चर्चा करिए या फिर मौन धारण कर लीजिए।

By Javed

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

बनारस के मंदिरों से क्यों हटाई जा रही हैं साईं बाबा की मूर्ति जानिए क्या होता है Digital Arrest हरियाणा कांग्रेस का किया संकल्प पत्र जारी, 7 वादे करेंगे पूरे पति से तलाक के बाद बेटी की परवरिश के लिए दर-दर भटक रही ये एक्ट्रेस गोविंदा की भांजी आरती सिंह का शादी के 4 महीने बाद होगा तलाक ?