प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को मिस्र की राजधानी काहिरा में हेलियोपोलिस युद्ध कब्रिस्तान का दौरा किया और प्रथम विश्व युद्ध में सर्वोच्च बलिदान देने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।
पीएम मोदी अल-हकीम मस्जिद भी गए। अल-हकीम मस्जिद काहिरा में 11वीं सदी का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल है। यह मस्जिद भारत और मिस्र द्वारा साझा की गई समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रमाण के रूप में खड़ी है। पीएम मोदी की यात्रा का महत्व अल-हकीम मस्जिद का उल्लेखनीय जीर्णोद्धार है, जो दाऊदी बोहरा समुदाय के अटूट समर्पण और समर्थन के माध्यम से संभव हुआ है।
भारतीय प्रवासी समुदाय के बोहरा समुदाय के सदस्य शुजाउद्दीन शब्बीर तांबावाला, जो आज अल-हकीम मस्जिद में मौजूद थे, जब पीएम मोदी वहां गए थे, कहते हैं, “यह हमारे लिए एक ऐतिहासिक दिन है, क्योंकि पीएम मोदी आज यहां आए थे। उन्होंने हमारे साथ बातचीत भी की। उन्होंने हमारे बोहरा समुदाय की भलाई के बारे में भी पूछा और जब उन्होंने हमारे साथ बातचीत की तो हमें एक परिवार की तरह महसूस हुआ।”
पीएम मोदी ने मिस्र के काहिरा में हेलियोपोलिस युद्ध कब्रिस्तान का भी दौरा किया। यहां उन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।
पीएम मोदी ने मिस्र के राष्ट्रपति अल-सिसी से भी मुलाकात की। इस दौरान दोनों ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। मिस्र स्वेज नहर के पास आर्थिक क्षेत्र बना रहा है। भारत ने भी वहां एक विशेष आर्थिक क्षेत्र स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है। उम्मीद की जा रही है कि इस बारे में भी दोनों देशों के बीच सहमति बनेगी।
पीएम मोदी को मिला मिस्र का सर्वोच्च राजकीय सम्मान
मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने काहिरा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘ऑर्डर ऑफ द नाइल’ पुरस्कार से सम्मानित किया। ‘ऑर्डर ऑफ द नाइल’, मिस्र का सर्वोच्च राजकीय सम्मान है।
बता दें, पीएम मोदी दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को मिस्र पहुंचे। मिस्र के प्रधानमंत्री मुस्तफा मदबाउली ने उनका काहिरा एयरपोर्ट पर स्वागत किया। 1997 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की मिस्र की यह पहली राजकीय यात्रा है।