PNB: देश में सरकारी क्षेत्र के बैंकों में पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank) का बड़ा नाम है। यह स्टेट बैंक (SBI) के बाद दूसरा सबसे बड़ा बैंक है। हालांकि, समय-समय पर इसके कुछ अधिकारियों की वजह से बैंक की प्रतिष्ठा पर आंच आती है। आपको याद होगा कि गीतांजलि जेम्स के चेयरमैन रहे मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) ने पीएनबी (PNB) के कुछ अधिकारियों के साथ मिलकर मुंबई स्थित ब्रेडी हाउस ब्रांच में 14 हजार करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला किया था। अब इसी तरह की धोखाधड़ी का एक और मामला उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले से सामने आया है। हालांकि यह मामला महज 10 लाख रुपये का है, लेकिन इससे भी बैंक की साख पर असर पड़ता है।
क्या है पूरा मामला
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के एक शाखा प्रबंधक को कर्ज देने के नाम पर साजिश और धोखाधड़ी से रुपये हड़पने के आरोप में कानपुर से गिरफ्तार किया गया है। नगर क्षेत्र के पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) बृज नंदन राय ने बताया कि कोतवाली देहात के मानिककोट गांव के निवासी दिनेश कुमार मिश्र ने आरोप लगाया है कि बलरामपुर स्थित पंजाब नेशनल बैंक के शाखा प्रबंधक और अन्य चार कर्मचारियों ने उनकी वृद्ध माता कांति देवी के नाम पर फर्जी तरीके से 10 लाख रुपये का ऋण स्वीकृत कर दिया और बाद में लोन की राशि हड़प ली। कुछ समय बाद उस लोन की वसूली के नाम पर दिनेश कुमार मिश्र को उनके घर और ट्रैक्टर कुर्क करने की धमकी दी गई।
पहुंचा पुलिस तक मामला
इसके बाद दिनेश मिश्र ने पुलिस की मदद ली। बृज नंदन राय ने बताया कि बैंक से ऋण के कागजात मांगे जाने पर उन्हें मुहैया नहीं कराए गए। जिसके बाद अदालत के आदेश पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज करते हुए जांच शुरू की। जांच के दौरान पता चला कि कांति देवी के नाम से लोन लिया गया था, लेकिन लोन के आवेदन में हस्ताक्षर कांति देवी के नहीं थे। यह साजिश वहां तैनात अधिकारी नितेश शुक्ला ने रची थी और लोन की राशि निकालकर हड़प ली थी।
पीएनबी का ब्रांच मैनेजर गिरफ्तार
पुलिस के मुताबिक, वर्तमान में उन्नाव जिले के इंद्रामऊ शाखा प्रबंधक के तौर पर कार्यरत नितेश शुक्ला को कानपुर से गिरफ्तार कर लिया गया है।
क्या है मेहुल चोकसी का मामला
गीतांजलि जेम्स के चेयरमैन रहे मेहुल चोकसी और नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक की मुंबई स्थित ब्रेडी हाउस ब्रांच में 14 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला करने का आरोप है। इस मामले में पीएनबी अधिकारियों की मिलीभगत से साल 2011 से 2018 के बीच फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स (LoU) के जरिए रकम विदेशी खातों में ट्रांसफर की गई थी। इस मामले के कारण बैंक की बड़ी किरकिरी हुई थी और यह मामला संसद तक में उठा था।