Prayagraj की एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने 5000 लोगों से 100 करोड़ रुपये की ठगी करने के आरोपी को नागपुर से गिरफ्तार किया है। आरोपी दो साल से फरार था और उसकी तलाश में पांच राज्यों की पुलिस लगी हुई थी। जानकारी के मुताबिक, आरोपी पर 5 राज्यों में 39 मामले दर्ज है। इतना ही नहीं, आरोपी पर बरेली में 25 हजार रुपये और उत्तराखंड में 50 हजार रुपये का इनाम भी रखा गया था।
कौन है ये आरोपी
बता दे कि आरोपी का नाम ज्ञानेश पाठक है। वह प्रयागराज का निवासी है। ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी और LLB के अलावा जर्नलिज्म का कोर्स भी किया था। ज्ञानेश पाठक ने JKV मल्टीस्टेट क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड का रजिस्ट्रेशन कराया और पांच से ज्यादा राज्यों में 100 से अधिक ब्रांच खोलीं। उसने लोगों को एक लाख रुपये पर 7 हजार रुपये के मुनाफे का लालच देकर ठगा और फिर अपनी टीम के साथ फरार हो गया।
वहीं, प्रयागराज एसटीएफ ने आरोपी ज्ञानेश पाठक बुधवार रात हुडकेश्वर में इन्द्रप्रस्थ नगर, साई मंदिर के पास से गिरफ्तार किया।
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कैसे फैलाता था नेटवर्क, जानें ठगी की प्रक्रिया
ज्ञानेश पाठक पढ़ाई खत्म करके 2012 में लखनऊ जाकर रहने लगा और उसके पिता किसानी के साथ चायपत्ती का कारोबार करते हैं। उसने राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और कई अन्य राज्यों में अपने नेटवर्क को फैलाया और JKV मल्टीस्टेट क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड बनाया। बता दें कि पहले ज्ञानेश एक लाख रुपये पर 7 हजार रुपये देने का लालच देता, फिर लोगों को निवेश के लिए प्रेरित किया। वह हर महीने करीब 159 लोगों को फायदा देता रहा। इन लोगों को लाभ होने के बाद लोग उसके झांसे में आते गए और धीरे-धीरे सोसाइटी से 5000 से ज्यादा लोग जुड़ गए।
धोखाधड़ी कर होता था फरार
जानकारों की माने तो साल 2018-19 में लोगों को 20 से 25 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, लेकिन 2019-20 तक सोसाइटी में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम जमा हो गई। इसके बाद सोसाइटी ने लोगों को पैसे का भुगतान करना बंद कर दिया। जिनके पैसे फंसे थे, उन्हें झूठे आश्वासन दिए जाते रहे कि उनका पैसा वापस किया जाएगा। साल बीतते गए, लेकिन किसी का पैसा वापस नहीं आया। बरेली ब्रांच में अकेले 300 लोगों का पैसा फंस गया था। 2022 में सोसाइटी की पूरी टीम फरार हो गई।
2022 से पुलिस कर रही थी तलाश
यूपी पुलिस और एसटीएफ की टीमें 2022 से ज्ञानेश पाठक की तलाश कर रही थीं। दो दिन पहले एसटीएफ को सूचना मिली कि ज्ञानेश पाठक नागपुर में छिपा हुआ है। इसके बाद प्रयागराज एसटीएफ की एक टीम नागपुर पहुंची और करीब 24 घंटे में आरोपी को ट्रेस किया। उसके पास से दो मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं। ज्ञानेश पाठक को बरेली के किला थाने में दर्ज मुकदमे में गिरफ्तार किया गया और नागपुर की कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड मिल गई है। अब आरोपी को बरेली लाकर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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