Pune Accident: पुणे में पोर्श कार एक्सीडेंट मामले में गिरफ्तार नाबालिग आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल और दादा सुरेंद्र अग्रवाल पर पुणे पुलिस ने एक नया मामला दर्ज किया है। यह मामला आत्महत्या से जुड़ा है। दरअसल, एक लोकल बिजनेसमैन डीएस कटुरे ने विशाल अग्रवाल, सुरेंद्र अग्रवाल और तीन अन्य लोगों पर अपने बेटे शशिकांत कटुरे को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है। जनवरी 2024 में शशिकांत कटुरे ने आत्महत्या की थी। डीएस कटुरे का कहना है कि विशाल और सुरेंद्र समेत पांचों लोग उनके बेटे को परेशान करते थे, जिसके कारण उसने आत्महत्या कर ली।
जानें क्या है आत्महत्या का कारण
पुलिस के मुताबिक, शशिकांत कटुरे ने कंस्ट्रक्शन बिजनेस के लिए लोन लिया था, जिसे वह नहीं चुका पा रहा था। इसे लेकर उसे परेशान किया जा रहा था, जिसके बाद उसने आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने फिलहाल विशाल अग्रवाल, सुरेंद्र अग्रवाल समेत पांचों लोगों पर IPC की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 506 (धमकी देना) के तहत मामला दर्ज किया है। इस मामले में जांच चल रही है।
पुणे पोर्श केस, विस्तार से जानिए
नशे में कार चला रहा था नाबालिग आरोपी, 2 की मौत
पुणे के कल्याणी नगर इलाके में 18-19 मई की रात को 17 साल 8 महीने के नाबालिग ने IT सेक्टर में काम करने वाले बाइक सवार युवक-युवती को टक्कर मारी, जिससे दोनों की मौत हो गई। घटना के समय आरोपी नशे में था और 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कार चला रहा था। हादसे की रात आरोपी अपने दोस्तों के साथ 12वीं के रिजल्ट का जश्न मनाने गया था और उसने घटना से पहले दो पब में शराब पी थी।
कोर्ट ने निबंध लिखने की शर्त पर आरोपी को जमानत दी
19 मई को ही हादसे के 15 घंटे के भीतर जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने मामूली शर्तों के साथ आरोपी को रिहा कर दिया। आरोपी को सड़क दुर्घटनाओं पर 300 शब्दों का निबंध लिखने, 15 दिनों तक ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करने और शराब पीने की आदत के लिए काउंसिलिंग लेने को कहा गया। पुणे पुलिस ने जुवेनाइल बोर्ड से कहा कि अपराध बेहद गंभीर है, इसलिए नाबालिग आरोपी पर बालिग की तरह कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। पुलिस बोर्ड के फैसले के खिलाफ सेशन कोर्ट पहुंची। कोर्ट ने पुलिस को बोर्ड में रिव्यू पिटीशन देने को कहा। 22 मई को जुवेनाइल बोर्ड ने नाबालिग को एक बार फिर तलब किया और 5 जून तक के लिए बाल सुधार गृह भेज दिया।
नाबालिग को बचाने ड्राइवर को फंसाने की कोशिश
आरोपी नाबालिग के दादा सुरेंद्र अग्रवाल ने 23 मई को दावा किया कि घटना के वक्त कार उनका फैमिली ड्राइवर चला रहा था। हालांकि बाद में साफ हुआ कि गाड़ी नाबालिग ही चला रहा था। इस बीच सुरेंद्र अग्रवाल पर ड्राइवर को बंधक बनाने का आरोप लगा। इस मामले में नाबालिग के पिता विशाल अग्रवाल भी आरोपी हैं।
नाबालिग आरोपी का ब्लड सैंपल बदला गया
पुलिस ने कोर्ट में बताया कि नाबालिग के नशे में होने की बात छिपाने के लिए उसकी मां शिवानी अग्रवाल ने पिता विशाल अग्रवाल की मौजूदगी में अपना ब्लड दिया था। उन पर बेटे का ब्लड सैंपल बदलवाने के लिए अपना ब्लड सैंपल देने और डॉक्टरों को पैसे देने का आरोप है। नाबालिग के पिता विशाल अग्रवाल को 21 मई और दादा सुरेंद्र अग्रवाल को 25 मई को गिरफ्तार किया गया था। वहीं, मां शिवानी अग्रवाल को 1 जून को गिरफ्तार किया गया। अब तक कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें ससून अस्पताल के दोनों डॉक्टर, एक स्टाफ, पब के मालिक-मैनेजर और स्टाफ सहित 8 लोग शामिल हैं।
नए खुलासे, सुरेंद्र अग्रवाल का अंडरवर्ल्ड कनेक्शन
पुणे में शराब के नशे में पोर्श कार चलाकर दो इंजीनियर्स की जान लेने वाले नाबालिग आरोपी के दादा सुरेंद्र अग्रवाल का अंडरवर्ल्ड से कनेक्शन भी निकला है। बताया जा रहा है कि 2021 में सुरेंद्र ने अपने भाई आरके अग्रवाल के साथ प्रॉपर्टी को लेकर विवाद निपटाने के लिए छोटा राजन से मदद मांगी थी। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि इसकी भी जांच होगी।