नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के एक बैंक (Bank) का लाइसेंस (License) रद्द कर दिया है। ग्राहक (Customer) की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय बैंक ने यह फैसला लिया है। आरबीआई ने यूपी के उत्तर प्रदेश के नगीना के बिजनौर के यूनाइटेड इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (United India Co-Operative Bank Limited) का बैंकिंग लाइसेंस (banking license) रद्द कर दिया है। यह यूपी का सहकारी बैंक है।
आरबीआई ने क्यों रद्द किया बैंक
भारतीय रिजर्व बैंक ने नगीना के बिजनौर के यूनाइटेड इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस कैंसिल कर दिया है। बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की कैपेसिटी न होने की वजह से आरबीआई ने यह फैसला लिया है। इसके लिए बैंक ने को-ऑपरेटिव कमिश्नर और रजिस्ट्रार को यह आदेश दिया है। इसी के साथ आरबीआई ने एक लिक्विडेटर भी इसके लिए नियुक्त किया गया है।
अब नहीं होगा बैंक में कोई भी काम
यूनाइटेड इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में अब कोई भी काम नहीं होगा। ये कारोबार के लिए बंद हो गया है। इस बैंक में अब ना ही पैसे जमा होंगे और ना ही कैश विड्रॉ होगा। यूनाइटेड इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड बैंकिंग विनियम अधिनियम 22(3) (A), 22(3) B, 22 (3) C, 22 (3) (D) और 22 (3E) की आवश्यकताओं का पालन नहीं कर पाई। इस वजह से केंद्रीय बैंक ने यह फैसला लिया है।
कितने पैसे निकाल सकते हैं ग्राहक
इस बैंक के ग्राहकों के लिए आरबीआई ने कहा है कि ये बैंक जमाकर्ताओं और ग्राहकों के हितों के लिए उपयुक्त नहीं है। बैंक अपने वित्त स्थिति की वजह से ग्राहक को पूरे पैसे नहीं दे सकता है। ऐसे में बैंक के ग्राहक जमाकर्ता नियमों के तहत डिपॉजिट और क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DIGCS) से 5,00,000 रुपये तक की पैसा निकाल सकते हैं।