Supreme Court, Stridhan, SC on stridhan, Wife Rights, Women right, Legal Rights, Hindu law, Indian law on stridhan, Indian Law, Kerala Case, SC on Kerala Stridhan, What is 'Stridhan'?, Is a wife's right to 'Stridhan' legitimate?, difference in dowry and stridhan, Dowry, Stridhan,

SC on Stridhan: महिलाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्त्रीधन पर महिला का पूरा अधिकार है। यह किसी भी महिला की विशेष संपत्ति है। जिसपर ससुराल वालों कोई हक नहीं बनता। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने स्त्रीधन को लेकर दायर एक वैवाहिक विवाद पर सुनवाई करते हुए कहा था कि महिला को अपने स्त्रीधन पर पूरा अधिकार है, जिसमें शादी से पहले, शादी के दौरान या बाद में मिलीं हुईं सभी चीजें शामिल हैं, जैसे कि माता-पिता, ससुराल वालों, रिश्तेदारों और दोस्तों से मिले गिफ्ट, धन, गहने, जमीन और बर्तन आदि।

फैमिली कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक

महिला के स्त्रीधन से जुड़ा यह विवाद फैमिली कोर्ट तक पहुंच गया। फैमिली कोर्ट ने महिला के पक्ष में फैसला सुनाया। महिला के पति और ससुराल पक्ष को स्त्रीधन के गलत इस्तेमाल की बात को जायजा ठहराया। साथ ही पति और ससुराल पक्ष को महिला को मुआवजा देने का निर्देश दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि स्त्रीधन साझा संपत्ति नहीं है। किसी भी महिला के स्त्रीधन को पति या उसके परिवार के सदस्यों ना तो कंट्रोल कर सकते हैं और ना ही उनके द्वारा इसका दुरुपयोग किया जा सकता है। हालांकि, केरल हाईकोर्ट ने फैसले को पलट दिया। जिसके बाद महिला ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की अध्यक्षता वाली बेंच ने एक लाइव कोर्ट रूम सेशन में स्त्रीधन पर महिलाओं के अधिकार से जुड़े मामले पर सुनवाई की।

केरल के महिला ने लगाया था ये आरोप

आपको बता दें, यह मामला केरल की एक महिला से जुड़ा था। महिला ने आरोप लगाया कि उसके पति और सास ने उसकी शादी के समय स्त्रीधन के रूप में मिले सोने के गहनों का दुरुपयोग किया। इस मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पति को संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत पति को महिला को खाेए हुए गहने के बदले 25 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि महिला का पति या उसके ससुराल के लोग बुरी नियत से स्त्रीधन का उपयोग करते हैं या उसे कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं तो उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 406 के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है।

यह भी पढ़े:  SC on EVM-VVPAT: वीवीपैट सत्यापन पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश, बैलेट पेपर से मतदान समेत सभी मांगें खारिज, जानें क्या है EVM और VVPAT में अंतर?

क्या है स्त्रीधन? दहेज और स्त्रीधन में क्या है अंतर

हिंदू मैरिज एक्ट के अनुसार, स्त्रीधन वो चीजें हैं जो महिला को उसके जीवन में मिलती हैं। इसमें सभी प्रकार की चल-अचल संपत्ति जैसे कैश, गहने, सेविंग, इनवेस्टमेंट, गिफ्ट में मिली प्रोपर्टी आदि शामिल हैं। माता-पिता, भाई-बहन द्वारा शादी से पहले मिले गिफ्ट और शादी में मिले उपहारों के अलावा सास-ससुर द्वारा पहनाए गए गहने और गिफ्ट्स भी स्त्रीधन हैं। महिलाओं को शादी से पहले, शादी के समय, बच्चे के जन्म के समय और विधवा होने के दौरान जो भी चीजें तोहफे में मिलती हैं, वह सभी स्त्रीधन है।

स्त्रीधन दहेज से इस तरह से अलग है कि यह महिला को स्वेच्छा से उसकी शादी से पहले या बाद में दिया गया उपहार है। इसमें कोई जबरदस्ती नहीं की गई है। ये उपहार स्नेह के प्रतीक के हैं इसलिए स्त्री का अपने स्त्रीधन पर पूरा अधिकार है।

क्या कहता है भारत का कानून

हिंदू महिला का स्त्रीधन का अधिकार हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 की धारा 14 और हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 27 के तहत सुरक्षित है, जिसमें उसे अपनी शादी में मिले तोहफे और संपत्ति को हासिल करने का पूरा अधिकार है। यदि महिला का स्त्रीधन पति या ससुराल वालों ने अपने पास रखा हुआ है, तो उन्हें ट्रस्टी माना जाएगा और जब भी महिला उनकी मांग करेगी, तो वे महिला को उसका स्त्रीधन लौटाने के लिए बाध्य हैं। महिला को अपने स्त्रीधन को अपने जीवनकाल के दौरान या उसके बाद बेचने या किसी को देने का पूरा अधिकार है।

पति या ससुराल वाले उसकी इच्छा के विरुद्ध स्त्रीधन को उससे छीन नहीं सकते। घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 की धारा 12 महिलाओं को उन मामलों में स्त्रीधन का अधिकार प्रदान करती है जहां महिला घरेलू हिंसा का शिकार होती है। स्त्रीधन की वसूली के लिए इस कानून के प्रावधानों को आसानी से लागू किया जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

बनारस के मंदिरों से क्यों हटाई जा रही हैं साईं बाबा की मूर्ति जानिए क्या होता है Digital Arrest हरियाणा कांग्रेस का किया संकल्प पत्र जारी, 7 वादे करेंगे पूरे पति से तलाक के बाद बेटी की परवरिश के लिए दर-दर भटक रही ये एक्ट्रेस गोविंदा की भांजी आरती सिंह का शादी के 4 महीने बाद होगा तलाक ?