Special StorySpecial Story: हरियाणा के डॉ. सत्यवान सौरभ के दोहों का देश के सर्वश्रेष्ठ 64 दोहाकारों में चयन

दिल्ली/ नारनौल: श्वेतवर्णा प्रकाशन दिल्ली द्वारा प्रकाशित चर्चित दोहाकर रघुविंद्र यादव द्वारा संपादित राष्ट्रीय दोहा संग्रह ‘प्रतिरोध के दोहे’ के लिए हरियाणा के भिवानी जिले के सिवानी उपमंडल के गांव बड़वा निवासी युवा लेखक डॉ. सत्यवान सौरभ के दोहों को देश- विदेश में रह रहे हिंदी भाषी 64 दोहाकारों की सूची में शामिल किया गया है। इस संग्रह में तीन पीढ़ियों के दोहाकारों को शामिल किया गया है एवं इसका संपादन प्रसिद्ध दोहाकार रघुविंद्र यादव के द्वारा किया गया है। प्रतिरोध के दोहे संकलन का उद्देश्य मौजूदा दौर के रचनाकारों की देश और समाज के मुद्दों के प्रति क्या प्रतिबद्धता है; उसे पाठको तक पहुंचाना है। प्रतिरोध का आश्रय सत्ता या उसमें बैठे लोगों का विरोध करना नहीं है बल्कि उन्हें उनकी जिम्मेदारी, उनका दायित्व याद दिलवाना है, लोकतंत्र में यह आवश्यक हो जाता है। हमारे देश में तो राजशाही के जमाने में भी कवि इस दायित्व बोध को निभाते रहे हैं। डॉ. सौरभ के दोहों के प्रतिरोध की एक झलक देखिये-

जिनकी पहली सोच ही, लूट,नफ़ा श्रीमान।

पाओगे क्या सोचिये, चुनकर उसे प्रधान।।

दफ्तर,थाने, कोर्ट सब, देते उनका साथ।

नियम-कायदे भूलकर, गर्म करे जो हाथ।।

गूंगे थे, अंधे बने, सुनती नहीं पुकार।

धृतराष्ट्रों के सामने, गई व्यवस्था हार।।

कब गीता ने ये कहा, बोली कहाँ कुरान।

करो धर्म के नाम पर, धरती लहूलुहान।।

डॉ. सत्यवान सौरभ हरियाणा के दैनिक संपादकीय लेखकों में से एक है। हाल ही में इनका एक दोहा संग्रह ‘तितली है खामोश’ भी आया है जो देशभर में काफी चर्चित रहा है। प्रतिरोध से हमारा आशय समाज, राजनीतिक धर्म, संस्कृति आदि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में प्रथाओं पर प्रहार करना है। जहां कहीं भी जड़ता है। यह प्रतिरोध मात्र विरोध के लिए प्रतिरोध नहीं है बल्कि प्रतिरोध का यह स्वर आम आदमी की पीड़ा से होकर समाज एवं राष्ट्र को उन्नत स्थिति में ले जाने हेतु है। साहित्य में प्रतिरोध की चेतना बेहतर राष्ट्र। बेहतर समाज, बेहतर जीवन आदि का निर्माण हेतु संकल्प है। यह संकल्प हमें बाधाओं से लड़ने का साहस प्रदान करता है।

यह भी पढ़ें:- Slap Kand: कंगना को थप्पड़, खूनी दौर का संकेत

डॉ. सत्यवान सौरभ की इस उपलब्धि पर सिवानी उपमंडल के साहित्यकारों, शिक्षकों, राजनीतिज्ञों और मित्रों ने शुभकामनाएं देकर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। “प्रतिरोध के दोहे” संकलन के सभी प्रतिभागी दोहाकारों को बधाई और शुभकामनाएं। 152 पृष्ठ के इस पेपरबैक दोहा संकलन की कीमत 249/- रुपए है। लेकिन डाक खर्च सहित 199/- में उपलब्ध है। व्हाट्स ऐप नंबर 8447540078 जल्दी ही ऑनलाइन भी उपलब्ध हो जायेगी। इसमें देश के 64 दोहाकारों के दोहे संकलित हैं। Special Story

By Javed

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

प्रेमिका की सलाह पर महाकुंभ में किया ये काम, 5 दिन में कमाया 40 हजार बिना बालाें के भी महिला सुंदर दिख सकती हैं, नीहर सचदेवा ने साबित कर दिया कुम्भ में तेज़ी से वायरल हो रही खूबसूरत साध्वी, शोहरत बनीं सनातनी शिष्या सर्दियों में वजन कम करने के लिए 5 खाद्य पदार्थ, तेज़ी से घटेगा वजन ‘एना पोली’ की एडल्ट सीन फिल्माते समय होटल की बालकनी से गिरकर मौत