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उत्तर प्रदेश को मिला राज्य का छठा और सबसे लंबा एक्सप्रेस वे

उत्तर-प्रदेश में एक और एक्सप्रेस वे का रास्ता साफ हो गया है। गंगा एक्सप्रेस वे निर्माण के लिए पर्यावरण मंत्रालय से मिली मंजूरी मिल गई है। अब जल्द ही टेण्डर की प्रक्रिया पूरी कर निर्माण शुरु की जाएगी। आज पर्यावरण मंत्रालय ने EC जारी कर दिया है।

आपको बता दे, इस एक्सप्रेस वे परियोजना की कुल अनुमानित लागत लगभग 36230 करोड़ रुपए है। इसके लिए पी.पी.पी. (टॉल) मोड पर डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, आपरेट एवं ट्रांसफर पर टेंडर मांगी गई हैं।

गंगा एक्सप्रेस-वे राज्य का छठा और सबसे लंबा हाईवे होगा

पीएम मोदी ने कुछ दिनों पहले ही उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया था। जल्द ही गंगा एक्सप्रेस-वे भी बनकर तैयार हो जाएगा।आपको बता दें कि गंगा एक्सप्रेस वे मेरठ में मेरठ-बुलंदशहर रोड (एनएच -334) पर बिजौली गांव से शुरू होकर और प्रयागराज में एनएच -19 पर बाईपास के पास जुदापुर डांडो गांव में समाप्त होने के लिए प्रस्तावित 594 किलोमीटर लंबा, पूरी तरह से एक्सेस-नियंत्रित एक्सप्रेसवे होगा। इसे 2025 तक पूरा करने सरकार की योजना है।

12 जिलों को जोड़े गंगा एक्सप्रेस-वे

गंगा एक्सप्रेस-वे राज्य का छठा और सबसे लंबा हाईवे होगा, गंगा एक्सप्रेस वे का प्रारंभिक बिंदु मेरठ जिले में एनएच 334 से है और यह जिला प्रयागराज में (एनएच -2) के बाईपास पर समाप्त होगा। गंगा एक्सप्रेस-वे बनाने से 12 जिलों को फायदा पहुंचेगा। इस एक्सप्रेस-वे से मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज जिलों को जोड़ा जाएगा। गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए 94 प्रतिशत जमीन अधिग्रहण का काम पूरा हो चुका है। दिसंबर में इसका शिलान्यास हो सकता है।

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