एक पिता ऐसी हस्ती है कि शायद उनके जीते जी उनको हम पहचान नहीं पाते !

आइये आज आपको बताते हैं  एक पिता का परिवार में क्या  दर्ज़ा होता है !

पिता की सख्ती बर्दाश्त करो, ताकि काबिल बन सको !

पिता की बातें गौर से सुनो, ताकि दूसरों की न सुननी पड़े !

पिता का सम्मान करो, ताकि तुम्हारी संतान तुम्हारा सम्मान करे !

पिता की इज्जत करो, ताकि इससे फायदा उठा सको !

पिता का हुक्म मानो, ताकि  खुशहाल रह सको !

पिता के सामने नज़रें झुका कर रखो, ताकि भगवान तुमको दुनिया मे आगे करे !

पिता एक किताब है जिस पर पर अनुभव  लिखा जाता है !

माँ का मुकाम तो बेशक़ अपनी जगह है ! पर पिता का भी कुछ  कम नही,

माँ के कदमों मे स्वर्ग है पर पिता स्वर्ग का दरवाजा है, अगर दरवाजा न खुला तो अंदर कैसे जाओगे ?

पिता गर्मी हो या सर्दी अपने बच्चों की रोज़ी रोटी की फ़िक्र में परेशान रहता है,

न कोई पिता के जैसा प्यार दे सकता है न कर सकता है, अपने बच्चों से !

याद रखे सूरज गरम ज़रूर  होता है मगर डूब जाए तो अंधेरा  छा जाता है!