Hit-and-Run law: नए साल की शुरुआत भारी ट्रैफिक जाम और पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारों के साथ हुई, नागरिकों ने तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए। कुछ शहरों में एंबुलेंस घंटों जाम में फंसी रहीं। कारण: ट्रक ड्राइवरों द्वारा नए हिट-एंड-रन कानून (Hit-and-Run law) के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन।
ड्राइवरों ने सोमवार को देश भर में राजमार्गों और कई अन्य प्रमुख सड़कों को अवरुद्ध करते हुए तीन दिवसीय विरोध प्रदर्शन शुरू किया। विरोध प्रदर्शनों के कारण न केवल यातायात जाम हो गया है। यातायात जाम होने की सबसे बड़ी वजह लोगों ने अपने नजदीकी पेट्रोल पंप पर पर तेल भरवाने के निकल पड़े, इस डर से कि ईंधन जल्द ही खत्म हो जाएगा।
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ट्रक ड्राइवर नए भारतीय न्याय संहिता में हिट-एंड-रन (Hit-and-Run law)कानून के खिलाफ असंतोष व्यक्त कर रहे हैं, जो आपराधिक संहिता है जो भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की जगह लेगी।
नए कानून में सड़क दुर्घटना के मामलों में जुर्माना बढ़ाकर 10 साल तक कर दिया गया है। भारतीय दंड संहिता में सड़क दुर्घटना में गलती से किसी व्यक्ति की मौत पर अधिकतम 2 साल की जेल की सजा का प्रावधान था।
इसमें कहा गया है कि “जो कोई भी लापरवाही से या गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में न आने वाले किसी भी व्यक्ति की मौत का कारण बनता है, उसे किसी भी अवधि के लिए कारावास की सजा दी जाएगी, जिसे सात साल तक बढ़ाया जा सकता है, और जुर्माना भी लगाया जा सकता है,” ।
भारतीय न्याय संहिता में कहा गया है कि यदि अपराधी भाग जाता है या घटना की तुरंत रिपोर्ट करने में विफल रहता है, तो कारावास की अवधि दस साल तक बढ़ सकती है, साथ ही ₹ 7 लाख का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। प्रदर्शनकारी ट्रक ड्राइवरों का मानना है कि नया कानून कठोर और बड़े वाहनों के प्रति पक्षपाती है।
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महाराष्ट्र में विरोध प्रदर्शन करता एक टैंकर ड्राइवर सैयद वाजेद कहते हैं, “नए कानून के मुताबिक, हिट-एंड-रन (Hit-and-Run law) मामलों में 10 साल तक की जेल और 7 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। हम ड्राइवर हैं, हम इतनी बड़ी जुर्माना राशि कैसे दे सकते हैं?” प्रदर्शनकारियों ने उन ड्राइवरों के खिलाफ संभावित भीड़ हिंसा के बारे में भी चिंता व्यक्त की है जो घायलों को अस्पतालों तक पहुंचाने का विकल्प चुनते हैं।
हड़ताल में भाग लेने वाले ड्राइवरों में ट्रक चालक, निजी बस चालक और कुछ मामलों में सरकारी बस चालक भी शामिल हैं। सोशल मीडिया पर लोगों ने दावा किया है कि कुछ राज्यों में कैब ड्राइवर भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं।