Table Top Airport

5 Table Top Airport: नेपाल के काठमांडू स्थित त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर हाल ही में एक भयावह हादसा हुआ, जिसने टेबल टॉप एयरपोर्टों की सुर्खियों को फिर से बढ़ा दिया। इस हादसे में एक विमान, जिसमें 19 यात्री सवार थे, क्रैश हो गया और इसमें से 18 लोगों की मौत हो गई। यह घटना टेबल टॉप एयरपोर्टों के खतरों को फिर से सामने ला रही है।

टेबल टॉप एयरपोर्टों की विशेषताएं

टेबल टॉप एयरपोर्टें वे एयरपोर्ट होते हैं जो पहाड़ों पर स्थित होते हैं और उनके रनवे अन्य एयरपोर्टों के मुकाबले छोटे होते हैं। इन एयरपोर्टों के रनवे में एक या दोनों तरफ गहरी खाई होती है, जिसके कारण विमानों के लिए उतरना और उड़ान भरना अत्यंत कठिन हो सकता है। इसके अलावा, ये एयरपोर्ट आमतौर पर पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित होते हैं, जहां मौसमी बदलाव और तेज हवाओं के कारण पायलटों को और भी सतर्क रहना पड़ता है।

भारतीय टेबल टॉप एयरपोर्टें

भारत में भी कई टेबल टॉप एयरपोर्टें हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख एयरपोर्ट निम्नलिखित हैं:

शिमला एयरपोर्ट (Shimla Airport)

हिमाचल प्रदेश के शिमला में स्थित यह एयरपोर्ट एक चुनौतीपूर्ण स्थान है। इसका रनवे मात्र 4035 फीट लंबा है, जो कि अन्य बड़े एयरपोर्टों के मुकाबले काफी छोटा है।

कोझिकोड एयरपोर्ट (कालीकट) (Calicut Airport Kozhikode)

केरल के कोझिकोड एयरपोर्ट का रनवे 9383 फीट लंबा है और यह भी एक टेबल टॉप एयरपोर्ट के रूप में जाना जाता है। यहां पर भी कई दुर्घटनाएं हुई हैं, जिसमें सबसे हाल ही में एक हादसा शामिल है। जिसमें अगस्त 2020 में हादसा शामिल है। दुबई से आ रही एयर इंडिया की फ्लाइट इस एयरपोर्ट पर लैंड होते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। यह फ्लाइट कोरोना के कारण दुबई में फंसे भारतीयों को लेकर आ रही थी। लैंडिंग के समय यह फ्लाइट रनवे से फिसल गई थी और करीब 30 फुट गहरी खाई में गिर गई थी। इस हादसे में दोनों पायलट और 19 यात्रियों की मौत हो गई थी।

मैंगलोर एयरपोर्ट (Mangalore Airport)

कर्नाटक के मैंगलोर एयरपोर्ट पर भी टेबल टॉप एयरपोर्ट के रूप में जाना जाता है। इस एयरपोर्ट पर दो रनवे हैं, जिनमें से एक की लंबाई 5299 फीट है। इस एयरपोर्ट पर वैसे तो कई हादसे हो चुके हैं लेकिन सबसे खतरनाक हादसा मई 2010 में हुआ था। एयर इंडिया की फ्लाइट दुबई से आ रही थी। यह फ्लाइट लैंड होने के बाद रनवे से आगे निकलकर एक खाई में गिर गई थी। इस हादसे में 158 यात्रियों और 6 क्रू मेंबर की मौत हो गई थी।

लेंगपुई एयरपोर्ट (Lengpui airport)

मिजोरम की राजधानी आइजोल में स्थित यह एयरपोर्ट केवल एक रनवे के साथ है, जिसकी लंबाई 8200 फीट है। यह भी एक टेबल टॉप एयरपोर्ट के रूप में जाना जाता है। इस एयरपोर्ट से दिल्ली, कोलकाता, गुवाहाटी आदि के लिए उड़ान मिलती हैं। इस एयरपोर्ट पर भी कई हादसे हुए हैं। पहला हादसा मई 2011 में हुआ था। उस समय एक ट्रेनी हवाई जहाज इस एयरपोर्ट के रनवे काे पार कर खाई में गिर गया था।

पक्योंग एयरपोर्ट (Pakyong Airport)

सिक्किम के पक्योंग एयरपोर्ट का रनवे 5577 फीट लंबा है और यह भी टेबल टॉप एयरपोर्टों की सूची में शामिल है। इस एयरपोर्ट का उद्घाटन सितंबर 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। खराब मौसम में यहां से उड़ानें अक्सर रद्द हो जाती हैं। इस एयरपोर्ट से कमर्शल फ्लाइट ज्यादा उड़ान भरती हैं। 

सुरक्षा और संचालन का पूरा ध्यान

टेबल टॉप एयरपोर्टों पर यात्री सुरक्षा और एयरपोर्ट संचालन में विशेष सावधानी बरतने के लिए सरकारों को विशेष ध्यान देना चाहिए। इन एयरपोर्टों की सुरक्षा में सुधार करने के लिए नवीनतम तकनीकी और सामर्थ्य विकसित करने की आवश्यकता होती है, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और यात्री सुरक्षित रह सकें।

इस प्रकार, टेबल टॉप एयरपोर्टों के खतरे को समझना और उन पर उचित तरीके से प्रबंधन करना महत्वपूर्ण है ताकि हादसों को रोका जा सके और हवाई सुरक्षा में सुधार किया जा सके।

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