Mimosa Pudica: लाजवंती, जिसे छुई-मुई या टच-मी-नॉट प्लांट भी कहा जाता है, एक औषधीय पौधा है जिसे आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा में विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसके कुछ प्रमुख फायदे इस प्रकार हैं:
- घाव और चोट भरने में सहायक
लाजवंती की पत्तियों का लेप लगाने से छोटे घाव, जलन और चोटें जल्दी भरती हैं।
- डायबिटीज नियंत्रण
इस पौधे में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने के गुण होते हैं, जिससे यह मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
- गठिया और जोड़ों के दर्द में राहत
लाजवंती की जड़ और पत्तियों का पेस्ट बनाकर लगाने से गठिया, सूजन और जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।
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- लिवर को स्वस्थ रखता है
यह पौधा लिवर को डिटॉक्स करने में मदद करता है और लिवर से संबंधित बीमारियों को रोकने में सहायक हो सकता है।
- डायरिया और पेचिश में लाभकारी
लाजवंती की जड़ का काढ़ा पीने से डायरिया और पेचिश जैसी पेट की समस्याओं में राहत मिलती है।
- तनाव और अनिद्रा में मददगार
इसकी जड़ का उपयोग प्राकृतिक रूप से तनाव और अनिद्रा (नींद न आने की समस्या) को कम करने के लिए किया जाता है।
- महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए उपयोगी
अनियमित मासिक धर्म को ठीक करने में सहायक।
सफेद पानी (लीकोरिया) की समस्या में उपयोगी।
- त्वचा रोगों में फायदेमंद
लाजवंती के पत्तों का लेप खुजली, दाद, एक्जिमा जैसी समस्याओं में राहत देता है।
- रक्तस्राव रोकने में सहायक
इसका उपयोग चोट या अन्य कारणों से होने वाले अत्यधिक रक्तस्राव को रोकने के लिए किया जाता है।
- बालों के लिए लाभकारी
लाजवंती की जड़ का रस बालों में लगाने से बाल झड़ना कम होता है और बाल मजबूत बनते हैं।
कैसे करें उपयोग?
पत्तियों या जड़ों का पेस्ट बनाकर प्रभावित स्थान पर लगाएं।
इसका काढ़ा या जूस बनाकर सेवन करें (डॉक्टर की सलाह लें)।
पत्तियों को पीसकर लेप बनाकर त्वचा पर लगाएं।
सावधानी:
गर्भवती महिलाएं इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।
अत्यधिक मात्रा में सेवन से साइड इफेक्ट हो सकते हैं।
अगर आप किसी खास बीमारी के लिए इसका उपयोग करना चाहते हैं तो पहले किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह लें।