Iran–Israel: इज़राइल ने बड़े पैमाने पर हवाई हमले जारी रखे, जिनमें तेहरान के आसपास के सैन्य और न्यूक्लियर केंद्रों पर निशाना साधा गया। ईरान ने भी मिसाइलों और ड्रोन हमलों से जवाब दिया, जिनमें से कुछ इज़राइल में टेल अवीव, बन्हे ब्रक, पेटाह टेक्वा और हाइफा जैसे क्षेत्रों को निशाना बनाया गया .
- मानव–पक्षों को भारी नुकसान
इज़राइल की प्रतिक्रिया में ईरानी आंकड़ों के मुताबिक़ 224 की मौत, जबकि इज़राइल में कम से कम 24 नागरिक मरे हैं और कई घायल हुए हैं।
अंतर्राष्ट्रीय और राजनीतिक पहल
- अमेरिका की भूमिका पर संशय
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि उन्होंने इज़राइल को “पूर्ण समर्थन” देने का संकेत दिया है तथा ईरान को ‘असीम्य आत्मसमर्पण’ के लिए कहा है, लेकिन फिलहाल अमेरिकी सेना का हस्तक्षेप नहीं हुआ ।
ईरान ने चेतावनी दी है कि अमेरिकी हस्तक्षेप एक ‘पूर्ण युद्ध’ का ट्रिगर हो सकता है । - डायलॉग की उम्मीद
ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराक़ची ने कहा कि ईरान इज़राइल के साथ संघर्ष को फैलाना नहीं चाहता, लेकिन यदि ज़रूरी हुआ तो खुद की रक्षा करेगा। उसने कहा कि अंतरिम बातचीत के रास्ते अभी भी खुले है। - जर्मनी ने वार्ता की वकालत की
जर्मन विदेश मंत्री ने कहा कि अब भी बातचीत का समय है, लेकिन इसके लिए ईरान को स्पष्ट और सच्चे आश्वासन देना होंगे कि उसका न्यूक्लियर कार्यक्रम शांतिपूर्ण होगा ।
अन्य महत्वपूर्ण घटनाएं
- ईरान में आम नागरिकों की पलायन
तेहरान में इज़राइली हमलों के बाद सैकड़ों लोग उत्तरी इलाकों की ओर जा रहे हैं। लोग डर, फ्यूल की कमी, और सोशल मीडिया पर पाबंदी के कारण भी सुरक्षित आश्रय की तलाश में हैं। - तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव
संघर्ष के बीच तेल की कीमतों में बदलाव देखने को मिला – कीमतों में पहले 4% की तेजी आई, फिर 2% की गिरावट भी हुई, जो मुख्यतः आपूर्ति के डर और तनाव के कारण है ।
कुल मिलाकर…
- इज़राइल और ईरान बीच जारी खूनी हमले-प्रत्याह्वान श्रृंखला गंभीर स्तर पर पहुँच चुका है।
- अमेरिका फिलहाल सीधे नहीं, लेकिन समर्थन का संकेत दे रहा है—जो क्षेत्रीय तनाव को और बड़ा बना सकता है।
- ईरान अभी भी वार्ता के लिए खुला है, लेकिन संघर्ष का चुनौतीपूर्ण दौर जारी है।
- अंतर्राष्ट्रीय समुदाय (जैसे जर्मनी, UN, EU) शुद्ध वार्ता और शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में काम कर रहा है।