
Ayodhya Deepotsav 2025: योगी सरकार इस साल अयोध्या में सरयू तट पर नौवां दीपोत्सव मनाने जा रही है। यह केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि एक संस्कृति, आस्था और पर्यटन का संगम बन चुका है। राम मंदिर के निर्माण के साथ-साथ, पिछले आठ वर्षों में आयोजित दीपोत्सव ने न सिर्फ अयोध्या की भव्यता को नई पहचान दी है, बल्कि इसने पूरी दुनिया का ध्यान भगवान श्रीराम की नगरी की ओर खींचा है।
दीपोत्सव का आरंभ: 2017 से शुरू हुआ एक स्वर्ण अध्याय
अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन वर्ष 2017 से प्रारंभ हुआ था। उस समय यह आयोजन उत्तर प्रदेश सरकार की पहल के रूप में एक प्रतीकात्मक प्रयास था कि अयोध्या को फिर से उसकी सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान लौटाई जाए।
शुरुआत में कुछ हजार दीप जलाकर शुरू हुआ यह उत्सव आज करोड़ों दीपों की रौशनी में तब्दील हो चुका है, जिसने अयोध्या को “रोशनी की नगरी” बना दिया है।
हर साल बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या: आंकड़ों में अयोध्या की आस्था
दीपोत्सव शुरू होने के बाद से अयोध्या में देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
यहाँ एक नज़र डालते हैं वर्षवार श्रद्धालुओं के आँकड़ों पर
वर्ष | भारतीय पर्यटक | विदेशी पर्यटक | कुल संख्या |
---|---|---|---|
2017 | 1,78,32,717 | 25,141 | 1,78,57,858 |
2018 | 1,95,34,824 | 28,335 | 1,95,63,159 |
2019 | 2,04,63,403 | 38,321 | 2,04,91,724 |
2020 | 61,93,537 | 2,611 | 61,96,148 (कोविड वर्ष) |
2021 | 1,57,43,359 | 31 | 1,57,43,390 |
2022 | 2,39,09,014 | 1,465 | 2,39,10,479 |
2023 | 5,75,62,428 | 8,468 | 5,75,70,896 |
2024 | 16,43,93,474 | 26,048 | 16,44,19,522 |
2025 (जन–जून) | 23,81,64,744 | 49,993 | 23,82,14,737 |
इन आँकड़ों से स्पष्ट है कि दीपोत्सव ने न केवल धार्मिक दृष्टि से अयोध्या को नई ऊँचाई दी है, बल्कि इसे भारत का प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल बना दिया है।
देश-विदेश में अयोध्या की पहचान
पहले जहाँ अयोध्या का नाम सिर्फ एक धार्मिक स्थान के रूप में लिया जाता था, वहीं आज यह विश्व पटल पर सांस्कृतिक ब्रांड बन चुकी है। दीपोत्सव के दौरान विदेशों से भी हजारों पर्यटक अयोध्या आते हैं। विशेषकर श्रीलंका, नेपाल, थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, और मॉरीशस जैसे देशों से रामायण से जुड़ी सांस्कृतिक टीमें भी शामिल होती हैं। सरयू तट पर जब लाखों दीप जलते हैं, तो यह दृश्य पूरी दुनिया में ‘स्पिरिचुअल स्पेक्टेकल’ (Spiritual Spectacle) बन जाता है।
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सरकार की पहल और तैयारी
योगी सरकार ने अयोध्या को एक ग्लोबल टूरिज़्म हब बनाने का संकल्प लिया है।
इस दीपोत्सव के लिए —
- पूरे सरयू तट को लाखों दीयों से सजाया जाएगा
- ड्रोन शो, लेज़र शो, और रामलीला के अंतरराष्ट्रीय मंचन होंगे
- आने वाले श्रद्धालुओं के लिए हाई-टेक कंट्रोल रूम और ई-वॉलंटियर टीम बनाई गई है
- पर्यटकों की सुविधा के लिए राम पथ, धर्मशालाएँ, और गाइड सर्विस भी सक्रिय की गई है
- अयोध्या में दीपोत्सव: केवल धार्मिक नहीं, आर्थिक और सांस्कृतिक उत्सव
दीपोत्सव ने अयोध्या की स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती दी है।स्थानीय दुकानदार, होटल, ऑटो-रिक्शा चालक और हस्तशिल्प कलाकारों के लिए यह त्योहार रोज़गार और सम्मान दोनों लेकर आया है। सिर्फ एक दिन के दीपोत्सव के दौरान कई करोड़ों का कारोबार होता है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति मिलती है।
भविष्य की दिशा
2025 का दीपोत्सव खास इसलिए भी है क्योंकि यह पहला दीपोत्सव होगा जब राम मंदिर का भव्य गर्भगृह भक्तों के लिए पूर्ण रूप से खुला होगा। सरयू आरती, रामायण थीम पार्क और लाइट शो इस बार विश्वस्तरीय पैमाने पर होंगे। सरकार का लक्ष्य है कि अगले पाँच वर्षों में अयोध्या को “ग्लोबल स्पिरिचुअल टूरिज्म कैपिटल” के रूप में स्थापित किया जाए।
अयोध्या का दीपोत्सव केवल दीयों की रोशनी नहीं, बल्कि आस्था, एकता और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक बन गया है। हर वर्ष बढ़ती भीड़ इस बात का संकेत है कि राम की नगरी अब केवल इतिहास नहीं, बल्कि भविष्य का प्रेरणास्रोत बन चुकी है।