Meerut: सौरभ हत्याकांड (Saurabh Murder Case) में आरोपी मुस्कान के परिवार ने अब मेरठ शहर छोड़ने का फैसला कर लिया है। घटना के आठ महीने बाद, ब्रह्मपुरी के इंद्रानगर स्थित उनके घर की दीवार पर 5 नवंबर को ‘मकान बिकाऊ है’ का बोर्ड लग गया। मुस्कान के मायके वालों का यह कठोर निर्णय न केवल कानूनी कार्रवाई का परिणाम है, बल्कि सामाजिक बहिष्कार, व्यावसायिक नुकसान और रिश्तों में आए दरार का दर्दनाक नतीजा भी है।
मुस्कान के पिता प्रमोद रस्तोगी ने इस संबंध में केवल इतना कहा, “अब मेरठ में हम नहीं रहेंगे, ये शहर छोड़ देंगे। इसके साथ हमारी बुरी यादें जुड़ी हैं।” उन्होंने मकान बेचने का कारण बताने से इनकार कर दिया।
बहिष्कार का दंश: 4 कारण जो परिवार को शहर छोड़ने पर कर रहे मजबूर
दैनिक भास्कर की टीम ने जब मृतक सौरभ के बड़े भाई राहुल उर्फ बबलू से बात की, तो उन्होंने मुस्कान के परिवार के इस कदम के पीछे चार मुख्य कारण गिनाए, जो हत्या के बाद परिवार द्वारा झेले जा रहे सामाजिक बहिष्कार को दर्शाते हैं:
भाई की नौकरी छूटी: मुस्कान के बॉयफ्रेंड साहिल के साथ मिलकर सौरभ की हत्या करने और फिर घूमने जाने के बाद, 20 मार्च को मुस्कान के भाई को नोएडा स्थित उसकी नौकरी से निकाल दिया गया।
व्यवसाय ठप: प्रमोद रस्तोगी, जिनकी सर्राफा (ज्वेलरी) की दुकान थी, का व्यवसाय इस कांड के बाद बुरी तरह प्रभावित हुआ। ग्राहकों ने उनकी दुकान पर आना कम कर दिया। इतना ही नहीं, जो उधार उन्होंने लोगों को दिया था, उसे भी लोगों ने चुकाना बंद कर दिया।
ट्यूशन का काम बंद: मुस्कान की छोटी बहन घर पर ट्यूशन पढ़ाकर परिवार के लिए आय का साधन बनी थी। हत्याकांड के बाद, लोगों ने बदनामी के डर से बच्चों को उनके घर ट्यूशन भेजना बंद कर दिया, जिससे परिवार को एक और बड़ा आर्थिक झटका लगा।
सामाजिक बहिष्कार: हाल ही में परिवार की रिश्तेदारी में हुई एक शादी में, प्रमोद रस्तोगी का नाम निमंत्रण कार्ड से हटा दिया गया। रिश्तेदार ने उन्हें फंक्शन में आने से भी मना कर दिया, ताकि उनकी बदनामी न हो। राहुल उर्फ बबलू के अनुसार, ये ही वो मुख्य कारण हैं, जिनकी वजह से परिवार को मजबूरन अपना सब कुछ छोड़कर शहर से पलायन करना पड़ रहा है।
“मकान उनका नहीं, सौरभ के पैसों से बना है”
राहुल उर्फ बबलू ने एक गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जिस मकान को मुस्कान का परिवार बेच रहा है, वह उनके भाई सौरभ के पैसों से बना है। राहुल का आरोप है कि सौरभ लंदन में अच्छी नौकरी करता था और लाखों की सैलरी लेता था। वह अपना सारा पैसा मुस्कान के परिवार को भेजता था और उसी पैसे से यह घर बना है। बबलू ने दुख जताते हुए कहा कि सौरभ ने उन्हें (अपने परिवार को) आज तक एक पैसा नहीं दिया, लेकिन मुस्कान के परिवार के लिए सब कुछ कर दिया। सौरभ की माँ रेणू देवी ने भी दुख व्यक्त करते हुए कहा कि मुस्कान के परिवार को उनकी बेटी के इरादों की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने कभी इस बारे में सौरभ के परिवार को कुछ नहीं बताया।
हत्या की खौफनाक वारदात
3 मार्च को मुस्कान और उसके बॉयफ्रेंड साहिल ने मिलकर सौरभ की निर्मम हत्या कर दी थी। उन्होंने पहले सौरभ को खाने में नींद की दवा मिलाकर खिलाई, और उसके सोने के बाद सीने में चाकू घोंप दिया। हत्या के बाद साहिल ने शव को 4 टुकड़ों में काटा और एक नीले प्लास्टिक के ड्रम में सीमेंट का घोल डालकर जमा दिया। वारदात के बाद दोनों 17 मार्च तक हिमाचल और उत्तराखंड में घूमते रहे। 18 मार्च को प्रमोद रस्तोगी अपनी बेटी को लेकर पुलिस थाने पहुंचे, जिसके बाद सौरभ का शव घर से बरामद किया गया। 19 मार्च से मुस्कान और साहिल दोनों मेरठ जिला जेल में बंद हैं, और मुकदमे की सुनवाई जिला जज की कोर्ट में चल रही है।
आरोपी मुस्कान जेल में गर्भवती: बच्चे के DNA की मांग
हत्या की आरोपी मुस्कान जेल में गर्भवती है, लेकिन बच्चे के पितृत्व (Paternity) को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। सौरभ के परिवार ने स्पष्ट कर दिया है कि मुस्कान के बच्चे के जन्म के बाद वे उसका DNA टेस्ट कराएंगे। यदि DNA रिपोर्ट बच्चे को सौरभ का बताएगी, तभी वे उसे स्वीकार करेंगे, अन्यथा उन्हें उस बच्चे से कोई मतलब नहीं होगा। जहाँ साहिल जेल में खेती कर रहा है और उससे मिलने उसके नानी और भाई आ चुके हैं, वहीं मुस्कान से मिलने उसका कोई भी परिजन आज तक जेल नहीं गया है, जिससे स्पष्ट होता है कि उसके परिवार ने उससे पूरी तरह नाता तोड़ लिया है।
