Deoria : महर्षि देवरहा बाबा स्वशासकीय राज्य चिकित्सा विश्वविद्यालय (मेडिकल कॉलेज) में तैनात स्टाफ नर्सें और स्वास्थ्यकर्मी इन दिनों पुलिस कार्रवाई से नाराज हैं। शुक्रवार को दर्जनों नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ ने सामूहिक रूप से कॉलेज प्राचार्य प्रो. रजनी पटेल और सीएमएस डॉ. एच.के. मिश्रा से मुलाकात की। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस पूछताछ के नाम पर उन्हें अनावश्यक रूप से परेशान कर रही है।
नर्सों का कहना है कि पिछले एक महीने से पुलिस बार-बार उन्हें फोन करके या नोटिस भेजकर थाने बुला रही है, जिससे मानसिक दबाव बढ़ गया है और अस्पताल की कार्यप्रणाली भी प्रभावित हो रही है।
घटना की पृष्ठभूमि— पानी की टंकी में मिला था कारोबारी का शव। 6 अक्टूबर को मेडिकल कॉलेज परिसर में बड़ी सनसनी फैल गई थी। ओपीडी भवन की पांचवीं मंजिल पर स्थित पानी की टंकी में एक व्यक्ति का शव मिला था। बाद में उसकी पहचान महाराष्ट्र के ठाणे निवासी अशोक गवंडे के रूप में हुई। वह एक केमिकल फैक्ट्री के मालिक थे और किसी व्यवसायिक काम से देवरिया आए थे।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हत्या की आशंका जताई गई। जिसके बाद पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच तेज कर दी।जांच के तहत पुलिस ने पहले मृतक की पत्नी और साले के बयान दर्ज किए। इसके बाद पुलिस ने मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों, स्टाफ नर्सों, वार्ड बॉय, सुरक्षा कर्मियों, मल्टी परपज वर्कर्स (MPW) से लगातार पूछताछ शुरू कर दी।
पिछले बुधवार को कोतवाली पुलिस ने लगभग 6 स्टाफ नर्सों और 12 अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को थाने बुलाकर उनसे कई घंटे पूछताछ की। नर्सों का कहना है- “हम मरीजों की सेवा करते हैं। हम अपराधी नहीं हैं। इस तरह रोज़-रोज़ पुलिस पूछताछ से मानसिक उत्पीड़न हो रहा है।”
स्टाफ की शिकायत सुनने के बाद प्राचार्य प्रो. रजनी पटेल ने कहा- “जांच में सहयोग करना हमारी जिम्मेदारी है, लेकिन किसी के साथ अनावश्यक दबाव या दुर्व्यवहार नहीं होना चाहिए। हम इस मुद्दे को उच्च अधिकारियों के समक्ष रखेंगे।”
सीएमएस डॉ. एच.के. मिश्रा ने भी कहा- “हॉस्पिटल की सेवा प्रभावित नहीं होनी चाहिए। पुलिस से संवाद कर समाधान निकाला जाएगा।”
इस घटना को लगभग एक महीना हो चुका है, लेकिन हत्या कैसे और किसने की, इसका स्पष्ट खुलासा पुलिस अभी तक नहीं कर पाई है। इसी वजह से जांच प्रक्रिया लंबी हो रही है। उधर, स्वास्थ्यकर्मियों में यह आशंका बनी हुई है कि कहीं जांच का निशाना उन्हीं पर न टिक जाए, इस कारण तनाव का माहौल व्याप्त है।
