जेबीटी भर्ती नहीं होने का हवाला देकर प्रदेश के सरकारी डाईट में दो साल पहले बंद किए जा चुके डिप्लोमा इन ऐलिमेंटरी कोर्स (JBT) अब निजी कॉलेजों में भी बंद कर दिया गया है। नए सत्र से प्रदेश के 342 निजी कॉलेजों में जेबीटी कोर्स के लिए दाखिले नहीं होंगे। इन निजी कॉलेजों में जेबीटी कोर्स की 21000 सीटें थी व 5100 से ज्यादा का स्टाफ है। दाखिले बंद होने के कारण अब इन कॉलेजों के भविष्य पर भी संकट के बादल छा गए हैं। साथ ही इनमें कार्यरत 3456 टीचर्स व 1728 नॉन टीचिंग स्टाफ के लिए रोजगार का संकट पैदा हो गया है। हालांकि सरकारी संस्थानों में कोर्स बंद करने के सरकार के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है, लेकिन सरकार ने वहां पर जवाब दे दिया है कि प्रदेश में 2025 तक जेबीटी की भर्ती की कोई उम्मीद नहीं है।
इस कारण से सरकार प्रदेश में इन कोर्स को चालू रखकर बेरोजगारों की फौज खड़ी नहीं करना चाहती है। इससे बेहतर है कि युवा इस कोर्स की बजाय रोजगारपरक कोर्स की तरफ ध्यान दें। इससे पहले प्रदेश के 25 सरकारी डाइट में जेबीटी कोर्स की 2750 सीट होती थीं, लेकिन सेशन 2021 से ही इन सीटों पर दाखिले बंद किए जा चुके हैं। शिक्षा विभाग से जुड़ी अलग-अलग यूनियन सरकार के इस फैसले का विरोध कर चुकी हैं। उनके अनुसार प्रदेश में सरकारी नौकरी के लिए ही जेबीटी कोर्स की जरूरत नहीं है, प्राइवेट स्कूल व अन्य राज्यों की भर्तियों के लिए भी जेबीटी सहायक हैं। सरकार द्वारा इस कोर्स को बंद करने का फैसला गलत है।