Bone Problem: बचपन से ही स्वस्थ हड्डियों को बनाए रखना महत्वपूर्ण है। दूध पीने से लेकर नियमित रूप से व्यायाम करने तक, उम्र बढ़ने के साथ-साथ हड्डियों को स्वस्थ रखने के कई तरीके हमारे सामने आते हैं। लेकिन अनजाने में बहुत से लोग अपनी हड्डियों के स्वास्थ्य को जोखिम में डालते हैं जैसे एक गतिहीन जीवन शैली, आवश्यक पोषक तत्वों का अनुचित सेवन और कई अन्य। जब हड्डियां कमजोर और भंगुर हो जाती हैं, तो उस स्थिति को ऑस्टियोपोरोसिस कहा जाता है। इस स्थिति में हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि हल्का सा गिरने पर भी फ्रैक्चर हो सकता है। इसलिए, कमजोर हड्डियों के संकेतों और लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी है ताकि स्थिति को समय पर ठीक किया जा सके। आइए इन लक्षणों पर एक नजर डालते हैं।
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ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण और लक्षण
गंभीर परिणामों और बार-बार फ्रैक्चर को रोकने के लिए कमजोर और भंगुर हड्डियों का इलाज करना महत्वपूर्ण है। कमजोर हड्डियों के कुछ लक्षण इस प्रकार हैं:
- घटता हुआ मसूड़ा: यदि आप अपने जबड़े के आसपास की हड्डी खो रहे हैं, तो आपके मसूड़े पीछे हट सकते हैं। इस मामले में आपका दंत चिकित्सक हड्डियों के नुकसान की जांच कर सकता है।
- कमजोर और भंगुर नाखून: कई कारकों के कारण नाखून भंगुर हो सकते हैं। कमजोर हड्डियों का स्वास्थ्य भी भंगुर नाखूनों की ओर जाता है।
- आपकी ग्रिप की ताकत कम हो जाती है: हैंडग्रिप की लो स्ट्रेंथ लो बोन डेंसिटी से जुड़ी होती है। यह आपके दिन-प्रतिदिन के कार्यों को प्रभावित कर सकता है।
- कमर और गर्दन का दर्द: यह दर्द हल्के से लेकर तेज तक हो सकता है। कई लोग पीठ और गर्दन के दर्द को खराब मुद्रा से संबंधित मानते हैं लेकिन कुछ मामलों में यह ऑस्टियोपोरोसिस का संकेत भी हो सकता है।
- शरीर की मुद्रा में बदलाव: ऑस्टियोपोरोसिस के कारण अक्सर झुकी हुई मुद्रा बन जाती है।
गंभीर मामलों में व्यक्ति ऊंचाई में कमी और छींकने के कारण भी बार-बार फ्रैक्चर देख सकता है।
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