Agra Special: आगरा की एक भयंकर और दुखद घटना ने सामाज में तहलका मचा दिया है, जहां एक मां को उसके 10 साल के बेटे को जंजीर से बांधकर रखने की मजबूरी का सामना करना पड़ रहा है। इस वाक्यांश के पीछे एक अत्यंत दुखद और भयानक कहानी छिपी है, जो न केवल एक मां-बेटे के दर्द को दिखाती है, बल्कि समाज के असंवेदनशीलता और असहानुभूति की भी झलक प्रदान करती है।
दरअसल, संतकबीर नगर की रहने वाली महिला अपने 10 साल के बेटे के साथ तपती दोपहर में सड़क पर रहने को मजबूर है। महिला ने बताया कि उसकी ससुराल संत कबीर नगर में है। मायका गोरखपुर में है। उसका एक ही बेटा है। जन्म से ही बेटा मानसिक रूप से कमजोर है। उन्होंने बेटे का गोरखपुर, संतकबीर नगर और लखनऊ सहित कई निजी अस्पताल में इलाज कराया। मगर, उसे कोई फायदा नहीं हुआ। बेटे के इलाज में उनका सब कुछ चला गया। अब उनके पास कुछ नहीं है।
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मां ने बताया अपना हाल
अपनी आपबीती सुनाते हुए महिला ने बताया कि बेटे को ऐसे हाल में नहीं छोड़ सकती। किसी ने बताया कि आगरा के मानसिक आरोग्यशाला में बच्चे का अच्छा और निशुल्क इलाज हो जाएगा। ऐसे में वो बेटे को लेकर यहां आई। बेटे को लेकर मानसिक आरोग्यशाला गई थी, लेकिन वहां पर बेटे को एडमिट नहीं किया गया।
बच्चे का बुरा हाल
मां ने बताया कि बेटे को खुला छोड़ने पर वो अजीब हरकत करता है। सड़क पर भागने लगता है। दीवार पर चढ़ जाता है। लोग के साथ मारपीट करता है। ऐसे में मजबूरी में उसे बांधना पड़ता है। पहले वो उसे कपडे़ से बांधती थी, लेकिन वो कपडे़ को खोल कर भागने लगा। अब मजबूरन उसे जंजीर से बांधना पड़ता है। बेटे के हाल को देखकर बहुत बुरा लगता है।
चाइल्ड एक्टिविस्ट मदद करने पहुंचे
बच्चे को जंजीर से बांधने की सूचना पर चाइल्ड एक्टिविस्ट नरेश पारस और नगर निगम के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। चाइल्ड एक्टिविस्ट नरेश पारस का कहना है कि वो बच्चे और उसकी मां को लेकर मानसिक आरोग्यशाला जा रहे हैं। वहां पर बच्चे को इलाज के लिए भर्ती कराया जाएगा।
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