Bihar: बिहार में विधान सभा चुनाव से पहले ही छोटी-बड़ी पार्टीयों का गठजोड़ शुरू हो गया है। बीजेपी राज्य में ज़मीनी स्तर पर लोकसभा चुनावों की तैयारी में जुटी हुई है। हाल ही में पार्टी ने राज्य में ज़िला स्तर पर अपने संगठन में भी बदलाव किया है। इतना ही नहीं, बीजेपी के बड़े नेता लगातार बिहार का दौरा कर रहे हैं।
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बिहार में बीजेपी के लिए साल 2019 के प्रदर्शन बीजेपी हक़ में रहा था। लेकिन इस बार 2019 के प्रदर्शन को दोहरा पाना आसान नहीं होगा। इसलिए जरूरी हो जाता है कि छोटी-बड़ी सभी पार्टी को साथ लाया जाये। ऐसा इसलिए भी क्योंकि इस बार बीजेपी के पास किसी बड़ी पार्टी के साथ गठबंधन न होने से काफी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। छोटी पार्टियों की बात करें तो लोक जनशक्ति पार्टी की ताक़त सबसे ज़्यादा मानी जाती है। साल 2019 के लोकसभा चुनावों में एनडीए में शामिल इस पार्टी को 6 सीटों पर जीत मिली थी। हालांकि पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान के निधन के बाद एलजेपी दो गुटों में बंट चुकी है। इसका एक गुट पशुपतिनाथ पारस के नेतृत्व में एनडीए से जुड़ा हुआ है। जबकि दूसरा धड़ा चिराग पासवान के साथ है। चिराग पासवान एनडीए से अलग हैं, लेकिन अब वो भी धीरे-धीरे बीजेपी के क़रीब जाते नज़र आ रहे हैं।
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