Byju Rights Issue: नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने एडटेक फर्म और बायजू के ब्रांड पैरेंट थिंक एंड लर्न के राइट्स इश्यू पर आगे बढ़ने पर रोक लगा दी है। इससे यथास्थिति बनाए रखने की प्रक्रिया प्रभावी रूप से रुक गई है। एनसीएलटी ने निर्देश दिया है कि यथास्थिति को बनाए रखने के लिए कंपनी को सावधानी से काम करना होगा।
एनसीएलटी की बेंगलुरु पीठ ने 12 जून को बायजू को आदेश देते हुए कहा है कि बायजू राइट्स इश्यू की पहली किश्त के अनुसार 2 मार्च को इक्विटी के आवंटन से पहले और बाद में अपने शेयरधारकों का पूरा विवरण जमा करें।
ट्रिब्यूनल की शिकायत
13 मई को राइट्स इश्यू को खुला था, जिस पर ट्रिब्यूनल से शिकायत करने वाले निवेशकों के मुताबिक, बायजू ने 11 मई को एक पत्र के जरिए दूसरा राइट्स इश्यू प्रस्तावित किया था, जो 13 जून को बंद होना था। ट्रिब्यूनल ने अपने आदेश में कहा, “कंपनी को इस प्रस्ताव के संबंध में दूसरे राइट्स इश्यू के खुलने के बाद से अब तक एकत्र की गई धनराशि को एक अलग खाते में रखने का निर्देश दिया गया है। धनराशि का इस्तेमाल तब तक नहीं किया जा सकता है, जब तक मामले में मुख्य याचिका की सुनवाई पूरी नहीं हो जाती है।’’
चार निवेशकों के समूह ने NCLT से शिकायत की थी। इनमें सम्मिलित थे प्रोसस, जनरल अटलांटिक, सोफिना और पीक XV, जो टाइगर और आउल वेंचर्स के समर्थन के साथ, कंपनी प्रबंधन और राइट्स इश्यू के खिलाफ एनसीएलटी का दरवाजा खटखटाया था।
158 करोड़ की भुगतान का आरोप
बायजू की वित्तीय स्थिति में खराबी के कारणों में शामिल है कर्मचारियों के वेतन के लिए उनके घर को गिरवी रखना, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई, 158 करोड़ के भुगतान चूक का आरोप, और 9,000 करोड़ से अधिक के फेमा उल्लंघन का नोटिस। कंपनी की स्थिति इतनी खराब है कि गुरुग्राम ऑफिस का किराया नहीं देने की वजह से प्रॉपर्टी मालिक ने कर्मचारियों को बाहर कर दिया, और उनके लैपटॉप जब्त कर लिए गए थे।
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