Dearness Allowance: केन्द्र या राज्य सरकार, महंगाई भत्ते को जनवरी और जुलाई में देती है। लेकिन सूत्रों की जानकारी से मुताबिक आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट की बैठक करने जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस बैठक में सरकार महंगाई भत्ता यानी डीए पर फैसला ले सकती है। कहा जा रहा है कि डीए 3 या 4 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है। फिलहाल महंगाई भत्ता में बेसिक सैलरी का 38 प्रतिशत है।
क्या होता है Dearness Allowance?
बता दें कि केन्द्र या राज्य सरकार अपने कर्मचारियों और पेंशनर्स को महंगाई की मार से बचाने के लिए भत्ता देती है। जिसे महंगाई भत्ता या Dearness Allowance कहते है। महंगाई भत्ते का मतलब है कि सरकार, महंगाई के प्रभाव को संतुलित करने के लिए कर्मचारी के मूल वेतन के एक प्रतिशत के रूप में अपने पेंशनभोगियों, कर्मचारियों आदि को भुगतान करती है। साल में इसे दो बार यानी जनवरी और जुलाई में कैलकुलेट किया जाता है। शहरी, अर्द्धशहरी और ग्रामीण इलाकों के हिसाब से डीए अलग-अलग होता है। बढ़ती महंगाई की वजह से इसे बढ़ाना पड़ता है। बढ़ती कीमतें बाजार पर निर्भर हैं और मुद्रास्फीति की दर को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सरकारी उपायों के बावजूद ,उच्च जीवन लागत की भरपाई के लिए डीए समायोजन की जरूरत है।
क्या है महंगाई का हाल
खुदरा मुद्रास्फीति की बात करें तो जनवरी महीने में तीन महीने के उच्च स्तर 6.52 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। उधर फरवरी में महंगाई के आंकड़े कुछ काबू में जरूर आई है। बता दें कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दिसंबर में 5.72 प्रतिशत और जनवरी 2022 में 6.01 प्रतिशत थी। तब खाद्य पदार्थों की महंगाई दर जनवरी में 5.94 प्रतिशत रही जो दिसंबर में 4.19 प्रतिशत थी। आंकड़े बता रहे हैं कि खाने-पीने के सामान की महंगाई की मार के चलते लोग परेशान हैं। खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर महीने में उच्च स्तर 6.77 प्रतिशत पर थी। बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति पर विचार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है।
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