Delhi: सियासत में खुद की पार्टी पर भी भरोसा नहीं किया जा सकता। चाहे वो देश की राजनीति हो या प्रदेश की या फिर नगर निगम के ही चुनाव क्यों ना हो। हाल ही में दिल्‍ली नगर निगम चुनाव में जीत हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी  (AAP) को झटका लगा। झटका इस बात का की बवाना वार्ड से पाटी के पार्षद पवन सहरावत ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया।

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पवन सहरावत ने आरोप लगाया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी में ‘‘भ्रष्टाचार” के कारण उन्हें ‘‘घुटन” महसूस हो रही थी। सहरावत ने यह भी आरोप लगाया कि वह आप पार्षदों को एमसीडी सदन की बैठक में ‘‘हंगामा करने का निर्देश” दिए जाने से व्यथित थे। बवाना से ‘आप’ पार्षद का भाजपा की दिल्ली इकाई के कार्यालय में पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और महासचिव हर्ष मल्होत्रा ने स्वागत किया। 

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गौरतलब है कि MCD चुनाव के करीब ढाई माह बाद मेयर चुनाव में AAP की शैली ओबेरॉय ने बीजेपी की रेखा गुप्ता को हरा दिया था जबकि बीजेपी प्रत्याशी कमाल बागड़ी को हराकर AAP के आले मोहम्मद इकबाल डिप्टी मेयर बने हैं। इसके बाद स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव में जमकर हंगामा हुआ था। बता दें, चार दिसंबर को हुए एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी ने  134 वार्डों में जीत हासिल की थी और नगर निकाय पर बीजेपी के 15 साल पुराने शासन को समाप्त कर दिया था। दूसरी ओर, बीजेपी 104 वार्ड में जीत के साथ दूसरे स्थान पर रही थी। कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन एमसीडी चुनाव में बेहद निराशाजनक रहा था और पार्टी 250 सदस्यीय सदन में महज 9 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई थी।

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