Deoria: भोपाल पुलिस के हत्थे चढ़े विवेक यादव की गिरफ्तारी ने नकली नोटों के एक बड़े नेटवर्क को उजागर कर दिया है। विवेक मूल रूप से उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के मईल थाना क्षेत्र के मुरारबारी इसारु गांव का निवासी है। पूछताछ में उसने नकली नोटों की सप्लाई चेन, नेटवर्क में शामिल लोगों और नोट छापने की तकनीक को लेकर कई अहम जानकारियां साझा कीं।
इसी आधार पर भोपाल पुलिस ने देवरिया पुलिस से भी उसके पुराने रिकॉर्ड की जानकारी मांगी है। संदेह जताया जा रहा है कि विवेक ने अपने जिले में भी नकली नोट खपाए होंगे। सप्लायर का नाम गांव में पहुंचते ही हलचल मच गई है।
पिपलानी क्षेत्र स्थित उसके किराए के घर पर पुलिस ने छापा मारकर बड़ी मात्रा में नकली नोट और नोट बनाने में उपयोग होने वाला मटेरियल बरामद किया। पुलिस को 500 रुपये के 428 नकली नोट मिले, साथ ही करीब 30 लाख रुपये से अधिक कीमत का रॉ मटेरियल भी मिला। पुलिस के मुताबिक, विवेक ने नकली नोटों को असली जैसा दिखाने के लिए महंगे उपकरण खरीदे थे ताकि उसकी करेंसी आसानी से पकड़ में न आए।
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जांच में यह भी सामने आया कि कुछ दिन पहले पिपलानी के शांति नगर झुग्गी बस्ती के पास एक दुकान पर विवेक ने 500 रुपये का नकली नोट चलाया था। दुकानदार ने संदेह होने पर नोट वापस कर दिया, लेकिन विवेक बाद में फिर उसी दुकान पर पहुंच गया। दुकानदार ने उसे पहचानते ही पुलिस को सूचना दी और तत्काल उसकी गिरफ्तारी हो गई।
विवेक की गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही देवरिया पुलिस भी सक्रिय हो गई है। पिपलानी पुलिस द्वारा बरामद नकली नोट, उपकरण और पूछताछ में सामने आए तथ्यों की जानकारी देवरिया पुलिस ने मांगी है। इस बीच, आरोपी के गांव मुरारबारी में भी उसकी गिरफ्तारी की खबर फैलते ही अफरा-तफरी मच गई। उसकी मां और बहन को पुलिस ने प्रारंभिक जानकारी दी है और ग्रामीण स्तब्ध हैं कि विवेक इतने बड़े नकली नोट कांड में शामिल था।
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पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि विवेक अकेले काम कर रहा था या किसी संगठित नेटवर्क का हिस्सा था। बरामद मटेरियल और उपकरण इस ओर इशारा करते हैं कि मामला व्यापक है और इसमें कई अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं। भोपाल और देवरिया पुलिस की संयुक्त जांच से जल्द ही नकली नोटों के इस नेटवर्क की और परतें खुलने की उम्मीद की जा रही है।
